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क्या कर सकता हूं | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरीश पांडल, विचार क्रांति, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

बहुत से सम्मान अपने

नाम कर सकता हूं

लिखने को तो सभी विषयों

पर लिख सकता हूं

यह विडंबना ही है कि

पूरा समय रोजी-रोटी की

तलाश में निकल जाता है

कुछ वक्त निकालकर ही

कुछ लिख पाता हूं

लिखने को तो सभी विषयों

पर लिख सकता हूं

बहुत से सम्मान अपने

नाम कर सकता हूं,

मुझ जैसे लाखों हैं इस

कला के हुनरमंद

आर्थिक विपन्नता ने उन्हें

बना दिया है जरुरतमंद

फिर भी वे अपनी कला का

प्रदर्शन करते हैं

समाज हित में ही अपना

समर्थन करते हैं

हौसले और जज्बे को अपने

जीवित रखने

कलम तो चलाना पड़ता है

ऐसे बहुत से साथियों के

नाम गिना सकता हूं

बहुत से सम्मान अपने

नाम कर सकता हूं

लिखने को तो सभी विषयों

पर लिख सकता हूं ….


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