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प्यार हमेशा करता रहूंगा | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©अशोक कुमार यादव

परिचय- राष्ट्रीय कवि संगम इकाई के जिलाध्यक्ष, मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

 

मैं पास रहूं चाहे दूर तुमसे,

तुम पर ही सदा मरता रहूंगा।

तुम चाहो या ना चाहो मुझे,

प्यार हमेशा करता रहूंगा।।

 

देख लेता हूं चित्र जी भर के,

पलकों को बंद कर आंखों से।

याद आती हो हर पल प्रेयसी,

आंसू बहते हैं मन झरोखों से।।

 

बीते हुए लम्हों की अच्छी बातें,

वो वक्त गुजर गया छल करके।

तेरे मिलने का इंतजार किया हूं,

काया में प्रीत की शक्ति भरके।।

 

जप रहा हूं तेरे नाम की माला,

बना दी हो विरह का प्रेम साधु।

मन मंदिर की हो मुग्धा नायिका,

जहर जुदाई के लगता है मधु।।

अब कैसे जिऊं तुम्हारे बिना ?

मर जाऊं क्या मुझे तू ही बता?

विकल हो अंतर्मन में घुटता हूं,

प्यार करने की मिली है सजा।।

 

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