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मणिकर्णिका | Onlinebulletin.in

©अशोक कुमार यादव ‘शिक्षादूत’, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

भारत की आन-बान-शान, मराठा झांसी की रानी।

राज्य क्रांति की वीरांगना, संघर्षों से भरा है कहानी।।

शास्त्रों की शिक्षा में पारंगत, शस्त्र ज्ञान मणिकर्णिका।

चंचल और सुंदर मनु छबीली, सतकर्मों की दिग्दर्शिका।।

ब्रिटिश राज्य हड़प नीति, दामोदर पर मुकदमा दायर।

राज्य खजाना ज़ब्त किए, अंग्रेज अधिकारी थे कायर।।

फिरंगी को चुंगी देती थी, सालाना पति के कर्ज़ चुकाने।

घड़ी-घड़ी नीति अपनाते, महाराज्ञी की शिश झुकाने।।

छोड़ गई झांसी का किला, रानीमहल बनी फुलवारी।

गणराज्य की रक्षा निश्चय, हर हाल में हिम्मत न हारी।।

हिंसा भड़क उठी संग्राम, झांसी की सुरक्षा किए सुदृढ़।

महिला स्वयंसेवी का गठन, मातृभूमि की चुकाने ऋण।।

जन ने दिया संग्राम सहयोग, युद्ध कला का शिक्षण लिए।

झलकारी बाई रानी प्रतिरूप, सेना में सर्वोच्च स्थान दिए।।

ओरछा और दतिया के भूपेश, झांसी पर किए आक्रमण।

आंग्ल सेना शहर को घेरा, लक्ष्मीबाई कालपी अनुगमन।।

तात्या टोपे और रानी सेना ने, किला पर किया कब्ज़ा।

अली बहादुर राखी भाई में, सहयोग,साहस का जज़्बा।।

ग्वालियर कोटा की सराय में, गोरा सैनिकों से की लड़ाई।

चालाकी,दृढ़ता और विद्रोही, ह्यूरोज़ ने की अति बड़ाई।।


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