चलो कारवां बनके…
©प्रा.गायकवाड विलास
परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र
ये खिला हुआ चमन तो यहां पे सभी की अमानत है,
मत उजाड़ों उसे ये तो हम सभी की ऊंची शोहरत है।
क्या हिन्दू मुस्लिम और सिख ईसाई, लहू किसका यहां पे अलग है,
देखो कभी उस चमन को भी,वहां भी कई तरह के फूल खिले है।
जब मिल जाते है कई रंग तभी वो इंद्रधनुष बन जाता है,
चलो कारवां बनके,अकेले कौन इस संसार में जी पाता है।
गुलदस्ता बनाना है तो,उसके लिए भी कई फूलों की जरूरत होती है,
इसलिए रहो मिल-जुलके,यही कुदरत भी हमें यहां पे सिखाती है।
देखो उस श्मशान तक ही,इस जिंदगी का आखरी सफ़र है,
एक दिन सबकुछ छोड़ जाओगे तुम,ये मिली सांसें भी तुम्हारी उधार है।
किसी की बनो खुशियां,ग़म यहां पे कौन किसी का बांट लेता है,
मरहम बन जाओ कभी,गमों से तो यहां सभी का वास्ता है।
ये खिला हुआ चमन तो,यहां पे सभी की अमानत है,
मत उजाड़ों उसे ये तो सृष्टि की हम पे हुई इनायत है।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/on।inebu।।etindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTS।d
ON।INE bu।।etin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए on।inebu।।etin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक on।inebu।।etin.in को जरूर पहुंचाएं।