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सॉफ्ट ड्रिंक्स के नियमित सेवन से लिवर कैंसर होने का खतरा

मुंबई

चाहे गर्मी हो या सर्दी, कुछ लोगों को शुगर युक्त या सोडा वाली सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने की लत होती है। कभी-कभी पानी की जगह भी वे इन पेय पदार्थों का सेवन कर लेते हैं। इन पेय पदार्थों का अधिक सेवन न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और शरीर के वजन को बढ़ा सकते हैं बल्कि कुछ खतरनाक बीमारियों को भी जन्म दे सकते हैं।

हाल ही में यूनाइटेड स्टेट्स में भारतीय शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, सॉफ्ट ड्रिंक्स के नियमित सेवन की आदत से लिवर कैंसर और लंबे समय के लिए लिवर में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। जो लोग सॉफ्ट ड्रिंक्स का दिन में एक बार या इससे अधिक सेवन करते हैं, उन्हें लिवर कैंसर होने का 85 प्रतिशत और क्रोनिक हेपेटाइटिस से जान जाने का लगभग 68 फीसदी जोखिम बढ़ सकता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक सोडा, कोल्ड ड्रिंक, फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक, स्वीट पाउडर ड्रिंक और अन्य मीठे पेय पदार्थों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। इनमें कैलोरी और एडेड शुगर की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

स्टडी के मुताबिक, एक चम्मच शुगरी ड्रिंक में 4.2 ग्राम चीनी होती है और सोडा की एक कैन में करीब 7 से 10 चम्मच चीनी होती है। ज्यादातर ड्रिंक्स में चीनी की अत्यधिक मात्रा होती है। इसमें कैफीन भी होता है जो ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और लंबे समय तक लेने से डायबिटीज होने के चांस बढ़ जाते हैं।

शुगर वाली ड्रिंक्स के नुकसान
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में पेट एवं लिवर रोग विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. बीर सिंह सहरावत बताते हैं कि शुगर युक्त पेय पदार्थों का नियमित सेवन फाइब्रोसिस, सिरोसिस और क्रोनिक लिवर इन्फ्लेमेशन (लंबे समय तक सूजन होना) का कारण बन सकता है। शुगर सीधे तौर पर कैंसर के जोखिम को नहीं बढ़ाता है। सॉफ्ट ड्रिंक्स के नियमित सेवन से हमारे शरीर में अत्यधिक मात्रा में कैलोरी चला जाता है जिससे मोटापा और ओबेसिटी हो जाती है, ये दोनों ही ब्रेस्ट, पैंक्रियाटिक (अग्नाशयी) और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। मीठे पेय पदाथों के अधिक सेवन से ब्लड ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ जाता है जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है जो लिवर कैंसर और लिवर रोग का बड़ा कारण है।

लिवर कैंसर का जोखिम
वर्ल्ड हेल्थ ऑगेर्नाइजेशन (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, काबोर्नेटेड ड्रिंक्स और सोडा ड्रिंक में मौजूद आर्टिफिशियल शुगर सामान्य चीनी से भी ज्यादा खतरनाक होता है। इनका अधिक सेवन लिवर कैंसर के जोखिम को काफी बढ़ा सकता है। वह बताते हैं कि बिना किसी वजह के शरीर का वजन घटना, भूख में कमी आना, लिवर में सूजन आना, स्प्लीन (तिल्ली) का बढ़ना, खासकर दाहिनी ओर की पसलियों के नीचे भरा हुआ महसूस हुआ, बायीं ओर की पसलियों के नीचे भारीपन महसूस होना, पेट में दर्द पेट में सूजन या तरल पदार्थ का जमा होना, खुजली और पीलिया आदि लक्षणों को नजरंदाज ने करें क्योंकि ये लक्षण लिवर कैंसर का संकेत हैं। फीजिशियन संजय महाजन कहते हैं कि सॉफ्ट ड्रिंक्स में हाई फ्रुक्टोस कॉर्न सिरप की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके लगातार सेवन से आपका लिवर फैटी हो सकता है जो मोटापे का भी एक कारण है। काबोर्नेटेड सोडा में कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा ज्यादा होती है। इसके सेवन से आपके शरीर के जरूरी अंगों को नुकसान हो सकता है।


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