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गर्जना | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरीश पांडल, विचार क्रांति, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 


 

 

संपूर्ण आजादी के लिए

कितने बहुजन साथी

कर रहे हैं गर्जना ।

बाकी साथी तो नीजि

स्वार्थ के लिए सामंतों

से कर रहे हैं अर्चना।।

वह कितना भी बड़ा

शूर्मा क्यों ना हो?

ऐसे धूर्त लोगों की करो

मिलकर भर्त्सना।

संपूर्ण आजादी के लिए

कितने बहुजन साथी

कर रहे हैं गर्जना?

एक लकीर खींच दो

स्वाभिमानियों और

दलालों के बीच

सबको पता चले

कौन सच्चा और

कौन बेगैरत है

स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए

कौन है वफादार कौन है गद्दार

पता चले कि कौन

कर रहा है झूठी वर्जना

संपूर्ण आजादी के लिए

कौन कर रहे हैं वर्जना

बाकी सब तो नीजि

स्वार्थ के लिए

सामंतों से कर रहे हैं वर्जना


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