.

व्यूहबद्ध ज्ञान ही विज्ञान | ऑनलाइन बुलेटिन

©अशोक कुमार यादव

परिचय– मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

 

बातें करता ज्ञानी ज्ञान की

विज्ञानी विशेष विज्ञान की

आओ देखें चमत्कार हम

दिव्य महामानव इंसान की

 

धरती से देखते चांद, तारें

आत्मा समझ करते इशारे

यह तो है विशाल खगोल

सूरज के चक्कर लगा रहे

 

सूरज को कहते सभी भैया

चंदा बना है सबका मामा

दूर गगन की शीतल छांव

उल्का पिंड से की कामना

 

धरा में खिले रंग-बिरंगे फूल

खुशबू और सुंदरता की मूल

औषधि से उपचार होता तन

नवजीवन की है आदर्श तूल

 

पेड़-पौधों की बना जड़ी-बूटी

जीवों के लिए नवजीवन घुट्टी

समाज में जागरूकता आएगा

औषधि से बीमारियों की छुट्टी

 

नित नूतन प्रयोग और अन्वेषण

स्वयं सूझबूझ से करो विश्लेषण

हम अंधविश्वासों को दूर भगाएं

जनता को जागरूक करे संप्रेषण

विकास की राहों में आ रहा तीव्रता

जन नई ऊंचाइयों को छू रहे शीघ्रता

युग बदल रहा नई सोच के साथ में

ज्ञान इच्छा शक्ति में आ रही दृढ़ता

 

लोगों के जीवन में आई खुशहाली

वैभव, सम्मान, सुख, मंगल निराली

दुरंतर कार्य भी साधारण हो गया है

दुःख और कष्ट दूर हो गया बदहाली

 

वैश्विक गांव हो गया सभी देश-विदेश

अति तीव्र गति से पहुंच रहा है संदेश

संगणक बन गया कुशाग्र महामानव

त्वरित पालन करता है सभी आदेश

 

आओ मिलकर नई सोच को जन्म दें

पाखंड और अज्ञानता को हम दूर करें

अनुसंधान में लग जाएं नए शोधकर्ता

विश्व गुरु भारत को एक नई पहचान दें


Back to top button