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महाधिवक्ता के पास पहुंचा रायगढ़ के राजस्व व अधिवक्ताओं का विवाद, वकीलों ने दिया 15 दिनों का अल्टीमेटम l ऑनलाइन बुलेटिन

बिलासपुर | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | प्रदेश के रायगढ़ जिले में पिछले दिनों राजस्व विभाग और वकीलों के बीच हुए मारपीट व विवाद में अधिवताओं की एक टीम ने राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट के महाधिवक्ता के पास अपनी बात रखी। वकीलों ने 17 सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर के संज्ञान में लाने का आग्रह किया है। वकीलों की इस मांग पर महाधिवक्ता ने सभी को आश्वस्त किया और 15 दिनों के लिए आंदोलन को स्थगित रखने कहा है।

 

रायगढ़ जिले में राजस्व अधिकारी, कर्मचारियों और वकीलों के मारपीट और विवाद मामले में स्टेट बार काउंसिल से अधिवक्ता संघर्ष समिति ने महाधिवक्ता एवं एसबीसी के पदेन चेयरमैन से मुलाकात कर बड़ी बैठक की।

 

बैठक में राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अधिवक्ताओं के आंदोलन को लेकर चर्चा हुई। SBC के पदेन चेयरमैन एवं हाईकोर्ट के महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने बैठक में समिति को उनके 17 सूत्रीय मांगों को सीएम भूपेश बघेल और विधि मंत्री तक रखे जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने तब तक 15 दिनों के लिए वकीलों के आंदोलन को स्थगित रखने कहा है।

 

 

15 दिन बाद अगली रणनीति बनाएंगे वकील

 

 

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर बाजपेयी ने बताया कि बुधवार से 15 दिनों तक वकीलों का आंदोलन स्थगित रहेगा। अगर 15 दिनों में वकीलों की मांगों को पूरा कर दिया जायेगा तो यह आंदोलन समाप्त कर दिया जायेगा।

 

मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की नई रणनीति तैयार की जायेगी। वाजपेयी ने बताया कि रायगढ़ में हुए विवाद के बाद पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं में आक्रोश है। वकीलों ने आंदोलन कर राजस्व न्यायालयों का बहिष्कार कर धरना दे रहे हैं।

 

घटना के माहभर बाद भी तनाव की स्थिति

 

बता दें कि 11 फरवरी को रायगढ़ के तहसील कार्यालय में तहसीलदार और राजस्व कर्मियों से अधिवक्ताओं ने मारपीट की थी। इसके बाद राजस्व कर्मियों ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है, जिस पर 5 वकीलों को गिरफ्तार किया गया है।

 

इस मारपीट के बाद राजस्व कर्मियों ने पूरे प्रदेश में काम बंद कर दिया था। वहीं वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया है। भारी आक्रोश को देखते हुए तहसीलदार को हटा दिया गया है।

 

वहीं सुरक्षा व्यवस्था के साथ राजस्व न्यायालयों को शुरू किया गया है। इधर वकीलों ने राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विवाद के माहभर बाद भी तनाव की स्थिति है।


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