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गाँव बुलाता है मुझे | newsforum

©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


गाँव बुलाता है मुझे, यादों में हर बार

छोड़ मुझे जाते सभी, छिन्न -भिन्न परिवार

शान शहर की देख कर, दौड़ रहे हैं लोग

माँ बेटा से दूर है, सहते सभी वियोग

चलते प्रगति करने को, छोड़ सभी का प्यार

गाँव बुलाता है मुझे, यादों में हर बार

कुएं का ठण्डा पानी, वो पीपल का छाँव

कलकली धुन नहरों में, भरा सादगी गाँव

वो मनभावनी चिड़िया, हरा-भरा खलिहान

वो गीत त्योहारों का, अलग-तलग परिधान

आज स्वपन सा हो गया, अंतस करे विचार

गाँव बुलाता है मुझे, यादों में हर बार …


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