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टीएमसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि लोकसभा चुनाव में राज्यपाल का कोई काम नहीं होता, चुनाव में कर रहे हस्तक्षेप

कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) में शिकायत दर्ज कराई है और उन पर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। गवर्नर ने हाल ही में जनता से सीधे जुड़ने के लिए 'लोगसभा' नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया था, जो टीएमसी को रास नहीं आया। टीएमसी ने अपनी शिकायत में कहा है कि लोकसभा चुनाव में राज्यपाल का कोई काम नहीं होता, जबकि इससे उलट वह चुनाव कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं।

टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिए अपने पत्र में कहा है, “संविधान के अनुच्छेद 324(6) राज्यपाल की रूपरेखा और भूमिका को स्पष्ट करता है। राज्यपाल की चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं होती। जबकि, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा कथित पोर्टल के साथ किया जा रहा कार्य न केवल अनधिकृत है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप के समान है और संविधान के तहत ईसीआई को दी गई शक्तियों को चुनौती देने जैसा है।"

टीएमसी का राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगाए जा रहे आरोपों के अनुसार, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने लोगों से सीधे जुड़ने के लिए लोगसभा नाम से एक पोर्टल लॉन्च किया है। राजभवन ने रविवार को एक बयान में कहा था कि कोई भी नागरिक अपने सुझाव और शिकायतें राज्यपाल को समर्पित ईमेल पर भेज सकता है। टीएमसी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, "राज्यपाल ईसीआई की शक्तियों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के संबंध में आगामी चुनावों की देखरेख, नियंत्रण और पर्यवेक्षण के लिए ईसीआई द्वारा चलाए जा रहे सिस्टम के समानांतर एक प्रणाली संचालित करना चाहते हैं।"

इस पूरे मामले में ईसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। आखिरी रिपोर्ट आने तक पश्चिम बंगाल राजभवन ने कोई बयान जारी नहीं किया। टीएमसी ने मांग की है कि राज्यपाल को कथित तौर पर समानांतर चुनाव प्रणाली चलाने और ईसीआई की शक्तियों और कार्यों में कथित रूप से हस्तक्षेप करने से रोका जाना चाहिए।

भाजपा क्या कह रही?
इस प्रकरण पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा है, “टीएमसी को डर है कि अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए तो उनका सफाया हो जाएगा। इसलिए, जब भी चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के प्रयास में कोई कदम उठाया जाता है, तो टीएमसी घबरा जाती है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव न हों।”


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