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कुछ फर्ज भी हमारा है | ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

परिचय– गजनपुरा, बारां, राजस्थान


 

तुमने दिया है जीवन हमें, कुछ फर्ज भी हमारा है।

आँखों में जो भी है  ख्वाब , वह सिर्फ तुम्हारा है।।

तुमने दिया है जीवन————–।।

 

 

गौतम, महावीर, राम, कृष्ण, जन्मे हैं तेरी धरती पर।

आजाद , भगतसिंह, बिस्मिल्लाह, कुर्बान हुए तेरी हस्ती पर।।

हम भी हो तुझपे कुर्बान, हममें लहू तुम्हारा है।

आँखों में जो भी है ख्वाब, वह सिर्फ तुम्हारा है।।

तुमने दिया है जीवन—————।।

 

 

दी है शरण तुमने दिल से, हर धर्म के इंसान को।

कहते है तुमको विश्वगुरु, देखकर तेरे ईमान को।।

जलती रही तेरी यह ज्योति, मकसद यह हमारा है।

आँखों में जो भी ख्वाब है, वह सिर्फ तुम्हारा है।।

तुमने दिया है जीवन—————।।

 

 

मुरझायेगा अब यहाँ नहीं, तेरे चमन का फूल कोई।

रोशन होगा अब वह भी यहाँ, बेनूर है घर अगर कोई।।

होगा उज्ज्वल सबका नसीब, ऐसा कदम हमारा है।

आँखों में जो भी ख्वाब है, वह सिर्फ तुम्हारा है।।

तुमने दिया है जीवन————-।।

 

 

 

 

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