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जिंदगी कब यहां किसी की…

©गायकवाड विलास

परिचय- लातूर, महाराष्ट्र


 

रोजमर्रा की जिंदगी से मिले थोड़ी सी राहत,

देखो आज रविवार है,मानों ख़ुशी की बहार है।

अपनों के साथ मनाओ तुम मौज मस्ती,

क्योंकि जिंदगी कब यहां किसी की खुशगवार है।

 

सभी के लिए है ये सबसे प्यारा दिन,

वो एक दिन की छुट्टी भी लगती सदाबहार है।

घूमों ऐश करो,भूल जाओ तुम सभी ग़म,

आएं दिन यहां पर,देखो ये वक्त की कैसी रफ़्तार है।

 

बंद रहते आज सभी आफिस और पाठशालाएं,

बच्चे,बड़े सभी मन मन में मुस्कुराएं।

किसी भी उपहार से कम नहीं होता ये रविवार,

मिलेगी मीठी नींद,जैसे अपना ही यहां पर राज है।

 

हर हफ्ते रविवार की अलग ही होती है शान,

आज के दिन ना है कोई जिम्मेदारी और कोई बन्धन।

अपने मर्जी से जियेंगे सभी आज के दिन यहां पर,

राजा हो या रंक आज के दिन सभी यहां सिकंदर है।

 

रोजमर्रा की जिंदगी से मिले थोड़ी सी राहत,

फिर यहां हर दिन जिंदगी की नई इम्तिहान है।

जब तक चलती है ये सांसें,कौन यहां रूका है जीवन में,

आज ही जी लो तुम जिंदगी,कल की वो आशाएं यहां सब निराधार है – – –

 

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