चुम्बन chumban
©असकरन दास जोगी, अतनू
परिचय– बगीचा, जशपुर, छत्तीसगढ़
चुम्बन आदि है आदि से चुम्बन है
पत्थर भी हमें चुम्बन सिखाते हैं
तुम्हारी स्मृति में
उन प्रत्येक भावनाओं का
अवतरण है
प्रकृति की गोद में
जिन्हें हम महसूस करते हैं
यह जंगल बहुत दूर-दूर तक है
जंगल में मैं और मुझमें जंगल है
पता है…
मैं कटने से डरता हूँ
पेड़ों की तरह
तुम्हारा चुम्बन ही तो है
जो मुझमें
नई ऊर्जा का उत्पादन करता है
और मैं एक पत्थर से प्रेमी बन जाता हूँ
एक बच्चे के लिए
ढेर सारा स्नेह है चुम्बन
अभिभावकों के लिए
ममत्व है चुम्बन
एक प्रेमी और प्रेमिका के लिए
विश्वास और निष्ठा का समर्पण है चुम्बन ।
Chumban kiss
Askaran Das Jogi
kiss etc. is a kiss from etc.
even stones teach us to kiss
in your memory
each of those feelings
citation is
in the lap of nature
what we feel
This forest is far away
me in the forest and me in the forest
know…
i’m afraid to cut
like trees
it’s your kiss
who in me
produces new energy
And I become a stone lover
for a child
lots of love kisses
for parents
love is kiss
for a boyfriend and girlfriend
The dedication of faith and loyalty is a kiss.