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CG News: आरक्षण से जुड़े विधेयकों को मंजूरी में देरी पर बिफरे सीएम भूपेश बघेल, निशाने पर राजभवन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | CG News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर नाराजगी जताई है। आरक्षण से संबंधित विधेयकों को राज्यपाल ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है। Chhattisgarh Chief Minister, Bhupesh Baghel (छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल) ने विधेयकों को मंजूरी देने में कथित देरी को लेकर आरोप लगाया कि राजभवन के अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के विधिक सलाहकार उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं। उनके विधिक सलाहकार उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं।

 

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस महीने की 3 तारीख को छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 पारित किया गया था।

 

विधेयकों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत आरक्षण के साथ सवर्णों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान किया गया है।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी में देरी और राजभवन द्वारा भूपेश सरकार से इस संबंध में सवाल करने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि उनके विधिक सलाहकार उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं। राज्यपाल जी ने कहा था कि जैसे विधानसभा से प्रस्ताव पारित होता है या सरकार अध्यादेश लाती है मैं तुरंत हस्ताक्षर करूंगी। आरक्षण कोई एक वर्ग का नहीं होता है, आरक्षण सारे वर्गों के लिए होता है। सारे नियम होते हैं। क्या यह बात राजभवन को पता नहीं है।

 

भूपेश बघेल ने कहा कि क्या कोई विभाग विधानसभा से बड़ा हो जाएगा। वह विभागों से जानकारी ले रहे हैं। विधानसभा से कोई विधेयक पारित होने के बाद विभागों से जानकारी नहीं ली जाती। कुल मिलाकर यह है कि भारतीय जनता पार्टी के हाथों राजभवन के द्वारा सब खेल हो रहा है।

 

राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ सरकार से दस्तावेज मांगे हैं कि समग्र आरक्षण को किस आधार पर बढ़ाकर 76 फीसद किया गया। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पूछा था कि विधेयकों को अदालत में चुनौती दिए जाने का सरकार कैसे बचाव करेगी।

 

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