मुबारक हो तुमको रिश्ता दोस्ती का | Newwsforum
©अमन सिद्दीकी, अलीगढ़, उत्तरप्रदेश
परिचय : लेखन में रुचि, सफलता के सिद्धांत पुस्तक का प्रकाशन, संकलन- दिल ए नादान, बारिश की शाम, मून लाइट ओफ हेवन, ट्रू इमोशंस, ख़्वाहिशें आदि।
मुबारक हो तुमको रिश्ता दोस्ती का,
बचपन की वो शाम बिताना तेरे साथ,
याद बहुत आता है वो रिश्ता दोस्ती का,
मुबारक हो तुमको वो रिश्ता दोस्ती का।
आपस में लड़ना फिर प्यार से मनाना,
मुस्कुराकर तुम्हारा यूं गले लग जाना,
याद बहुत आता है वो रिश्ता दोस्ती का,
मुबारक हो तुमको वो रिश्ता दोस्ती का।
माना कि मशरूफ रहने लगे हैं हम,
वो शाम अब नहीं बिताते साथ हम,
लेकिन दिल में धड़कता रहता है,
वो रिश्ता तेरी-मेरी दोस्ती का।।