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बेटी का सम्मान l ऑनलाइन बुलेटिन

अशोक कुमार यादव, अलवर, राजस्थान

 

 

 

 

सब मिलकर के साथ में आओ

बेटी को सम्मान दिलाओ

जीवन का अद्भुत श्रृंगार है बेटी

अनमोल रत्न और प्यार है बेटी

खुशियों की महकती बहार है बेटी

सावन की सी फुहार है बेटी

बेटी के संग प्रीत लगाओ

सब मिलकर के …………………

माता-पिता का अरमान है बेटी

करती सबका सम्मान है बेटी

दो परिवारों की आन है बेटी

बढ़ाती कुल की शान है बेटी

बेटी को इसका अधिकार दिलाओ

सब मिलकर के………………….

मीरा जैसी है हरि भक्त बेटी

अनन्य प्रेम में अनुरक्त है बेटी

अपने इरादों से नहीं है पस्त बेटी

पन्ना जैसी भी है स्वामी भक्त बेटी

इतिहास में तुम चित्तवृत्ति लगाओ

सब मिलकर के………………….

शिक्षा जगत में है सिरमौर बेटी

रणक्षेत्र में हुई घनघोर है बेटी

सरहद के अन्तिम छोर है बेटी

शीर्ष पदों की संभाले है बागडोर बेटी

बेटी के उत्साह को बढ़ाओ

सब मिलकर के………………….

लेकिन आज बहुत लाचार है बेटी

भ्रूणहत्या की शिकार है बेटी

सह रही बहुत ही अत्याचार है बेटी

जघन्य अपराधों से हुई बेकरार है बेटी

बेटी को तुम न्याय दिलाओ

सब मिलकर के………………….

 

 


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