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नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के लिए बीएचयू से प्रस्ताव को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फर्जी बताया, छात्रों ने किया था विरोध | newsforum

वाराणसी | रिलायंस इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक और रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के लिए प्रस्ताव भेजने के दावे को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फर्जी बताया है। रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा कि बीएचयू की ओर से उन्हें ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। नीता अंबानी को प्रस्ताव भेजने की खबरों के बाद मंगलवार को छात्रों ने वीसी आवास पर हंगामा किया था। नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का छात्रों ने विरोध किया था।

 

डीन ने प्रस्ताव भेजने का किया था दावा

 

नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के लिए सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से प्रस्ताव भेजने का दावा वहां के डीन ने किया था। सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा ने बताया था कि नीता अंबानी के किए गए कार्यों का लाभ बीएचयू के भी अध्येताओं को मिले, इस बाबत उनसे यहां पर अपना शैक्षणिक योगदान देने की मंशा जाहिर की गई। महिला अध्ययन केंद्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम होता है। यहां कई कोर्स चलने के साथ रिसर्च भी होते हैं। उस महिला केंद्र से देश के ऐसे लोगों को जोड़ने की कोशिश हो रही है जो महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में नीता अंबानी को प्रस्ताव भेजा गया है।

प्रस्ताव के खिलाफ सड़क पर उतरे थे छात्र

 

बीएचयू में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के मुद्दे पर छात्र मंगलवार को आंदोलित हो गए थे। छात्रों ने कुलपति आवास का घेराव कर धरना शुरू कर दिया था। छात्रों का आरोप था कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लोग सरकार के इशारे पर पूंजीपतियों के हाथ में इस विश्वविद्यालय को सौंपने की षड्यंत्र कर रहे हैं। यह होने नहीं दिया जाएगा। जब तक प्रस्ताव रद्द नहीं किया जाता तब तक वह इस मामले के विरोध में आवाज बुलंद करते रहेंगे। छात्रों का विरोध शुरू होते ही बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन समेत उच्चाधिकारियों को वीसी लाज बुलाया है। इसके बाद सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन कौशल किशोर मिश्र छात्रों से मिलने आए और उन्हें समझाकर धरना समाप्त कराया था।

 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने क्या कहा

 

बीएचयू में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने की खबरों के बाद शुरू हुए विरोध की जानकारी रिलायंस इंडस्ट्रीज तक पहुंची तो वहां से तत्काल बीएचयू की बातों का खंडन किया गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से प्रवक्ता ने बताया कि नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने की रिपोर्ट फर्जी है। उनके पास इस तरह का कोई प्रस्ताव बीएचयू से नहीं आया है।

 

बीएचयू ने भी दी सफाई

 

रिलायंस के प्रवक्ता का बयान आने के बाद बीएचयू ने भी सफाई दी है। बीएचयू ने कहा कि उनके किसी भी संकाय या विभाग की ओर से नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने से संबंधित कोई नोटिस नहीं जारी की गई है। नीता अंबानी को विश्वविद्यालय के किसी भी संकाय/विभाग/केन्द्र में विज़िटिंग प्रोफेसर नियुक्त करने या शिक्षण की कोई भी ज़िम्मेदारी देने संबंधी कोई भी आधिकारिक निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंज़ूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंज़ूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत हुआ है। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस विषय पर इससे पहले कोई भी आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।


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