दादाजी की मैं छड़ी | Newsforum
©असकरन दास जोगी “अतनू”, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
परिचय : बीए, एमलिब., डीसीए, प्रकाशन- देशभर के विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में लेख, छंद, रचनाओं का प्रकाशन, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित ग्रंथ सतनाम रहस्य में लेखों का प्रकाशन, सम्मान- सतनाम ज्ञान प्रचार प्रसार केन्द्र भिलाई द्वारा प्रशस्ति पत्र, छत्तीसगढ़ एक सामाजिक संस्था बिलासपुर द्वारा ज्ञान रत्न से सम्मानित.
दादा जी! की मैं छड़ी !
दूर नहीं पास खड़ी !!
पग-पग चलती साथ !
हाथों में लेकर हाथ !!
छोटा मुँह बात बड़ी !
दादा जी! की मैं छड़ी !!…
स्नेह पाती मैं खूब !
सेवा में मैं जाती डूब !!
मेरी खुशी नहीं तारे !
दादा जी! लगते प्यारे !!
बाल कहानियों की लगाते लड़ी !
सब सुनती मैं गोद में पड़ी-पड़ी !!..
मम्मी-पापा व्यस्त रहते !
दादा जी! और मैं मस्त रहते !!
बाग-बगीचा की करते सैर !
हमको नहीं किसी से बैर !!
खेल और पढ़ाई से जुड़ी कड़ी !
दादा जी! की मैं छड़ी !!…