.

थोड़ा-थोड़ा हम…

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

तुम्हारी यादों की महफिलों में दिन ये गुज़र रहे है,

कभी ख़ुशी की कभी गमों की नज़्म हम गा रहे है।

 

चेहरे पे हंसी और अंदर से हम देखो जल रहे है,

और देखने वाले कहते है खुशियां हम मना रहे है।

 

टूटे हुए अरमानों से ही ये जिंदगी हमने सजाई है,

गमों से ही करके दोस्ती नई आशाएं हमने जलाई है।

 

मुश्किलों से लड़ते-लड़ते हम भी यहां टूटकर बिखरते है,

ऐसी पतझड़ आने के बाद भी,हम फिर से नई बहार बनके उभरते है।

 

सभी को लगता है,हमारे ही आंगन में खुशियों का मेला है,

आग ही आग है दिल में और आप ने तो हंसता हुआ चेहरा देखा है।

 

हारकर कैसे रूक जाएं,ये जिंदगी तो और भी बाकी है,

कभी ख़ुशी कभी ग़म,यही तो जिंदगी की नई झांकी है।

 

तुम्हारी यादों की महफिलों में दिन ये गुजर रहे है,

गमों का कारवां लिए संग,थोड़ा-थोड़ा हम बिखर रहे है।

 

Gaikwad-Vilas-Latur-Maharashtra
गायकवाड विलास

🔥 सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

 

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

सरकार बदलते ही एक्शन मोड में प्रशासन: रायपुर-बिलासपुर के अलग-अलग इलाकों में अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर | CG News

 


Back to top button