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हरा या काला, कैसे फर्क करता है?” – काले अंगूर की महंगाई की वजह से जुड़ी राज़ की खोज!

 हम में से ज्यादातर लोग अंगूर खाना पसंद करते हैं, जब आप बाजार जाते हैं, तो वहां काले अंगूर की कीमत हरे अंगूर के मुकाबले थोड़ी ज्यादा होती है, हालांकि इसका टेस्ट भी थोड़ा अलग होता है, लेकिन क्या स्वाद का असर इसके दाम पर भी पड़ता है? या फिर इस फल के महंगे होने की कोई और वजह है. आइए जानते हैं कि काले अंगूर में ऐसी क्या बात है जिसके लिए आपको अपने जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ती है.

काले अंगूर क्यों होते हैं महंगे?

ऐसी कई वजहें हैं जिसके कारण काले अंगूर के दाम हरे की तुलना में ज्यादा है. सबसे खास बात ये है कि इसकी पैदावार की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है. एक खास हालात में ही काले अंगूर को उगाया जा सकता है. इसके लिए आपको खास वेदर कंडीशन और, मिट्टी की जरूरत पड़ती है. आप बहुत ज्यादा ठंडे और बेहद गर्म मौसम में इसकी खेती नहीं कर सकते. काले अंगूर को तुलनात्मक रूप से ज्यादा देखभाल की जरूरत पड़ती है. ऐसे में लागत और पैदावार के इस गणित की वजह से काले अंगूर के प्राइस ज्यादा हो जाते हैं.

काले अंगूर की डिमांड हरे अंगूर के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन उसकी सप्लाई मांग के मुताबिक पूरी नहीं हो पाती है, इसलिए अर्थव्यवस्था के नियमों के मुताबिक ग्राहकों की जेब पर बोझ पड़ना लाजमी है. इसके अलावा काले अंगूर को आमतौर पर हाथ से तोड़ा जाता है, अगर यही काम मशीन से किया जाता, तो इसकी कीमतें थोड़ी कम होती. इसकी खास तरह की पैकिंग भी महंगे होने के लिए जिम्मेदार हैं.
 

सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं काले अंगूर

कीमत बढ़ने की एक और वजह है काले अंगूर के हेल्थ बेनेफिट्स, दरअसल इस फल में एंटीऑक्सिडेंट समेत कई तरह के न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो हमारी शरीर को फायदे पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. इसमें मौजूद पोटैशियम दिल की सेहत को बेहतर रखने में मदद करता है, साथ ही विटामिन ई की मदद से स्किन और बालों की खूबसूरती भी बढ़ जाती है. जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर है वो भी इस फल को खाकर विजन बेहतर कर सकते हैं.


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