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थायरॉयड के लिए नुकसानदायक आहार: इन 3 खाद्य पदार्थों को बचें और स्वस्थ रहें

 थायराइड गले में मौजूद तिल्ली के आकार की एक छोटी सी ग्रंथि होती है, जो बॉडी के लिए जरूरी हार्मोन को बनाने का काम करता है. ऐसे में जब यह ग्रंथि कम या जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाने लगती है तो इस डिसफंक्शन को थायराइड रोग कहा जाता है. वैसे तो इसे दवाओं से भी कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन लाइफस्टाइल और खानपान में परहेज इसका सबसे अच्छा उपचार होता है.

ऐसे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार का ये इंस्टाग्राम पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. एक्सपर्ट ने अपने पोस्ट में उन हेल्दी के बारे में बताया है जिसे खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं लेकिन थायराइड के मरीजों को उन्हें सावधानी से खाना चाहिए.

 थायराइड में नहीं खाना चाहिए गोइट्रोजन फूड्स

एक्सपर्ट बताती हैं कि गोइट्रोजन ऐसे पदार्थ हैं जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बाधित करते हैं. यह पिट्यूटरी को थायराइड-उत्तेजक हार्मोन जारी करने के लिए प्रेरित करता है, जो फिर थायराइड ऊतक के विकास को बढ़ावा देता है, जिससे घेंघा रोग हो जाता है.

मूंगफली

पीनट बटर में गोइट्रोजन की उपस्थिति के कारण यह हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति को बिगाड़ सकता है. इसलिए हाइपोथायराइड वाले लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए. 

रागी 

रागी आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होने के कारण एक बेहतरीन मिलेट्स है. लेकिन गोइट्रोजेनिक भोजन होने के कारण थायराइड के मरीजों को इसे भिगोकर और अच्छी तरह से पकाने के बाद ही कभी-कभार (केवल 2-3 बार/महीने में) खाने की सलाह दी जाती है.

बादाम

बादाम सेलेनियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं – ये दोनों थायराइड फंक्शन के लिए बहुत अच्छे हैं. लेकिन इसके गोइट्रोजेनिक होने के कारण अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह थायरॉयड को बढ़ा सकता है. इससे थायरॉयड ग्रंथि की आयोडीन अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में हाइपोथायराइड वाले लोग सिर्फ प्रतिदिन 3-5 बादाम ही भिगोकर खा सकते हैं.

सोयाबीन

सोया वाले फूड्स थायराइड एडिकेशन को ठीक से अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बदलते और प्रभावित कर सकते हैं. सोया में गोइट्रोजेन होता है, जो थायराइड ग्रंथि में जलन पैदा करते हैं इसलिए सोया प्रोडक्ट से बचना चाहिए.

गेहूं 

ऑटोइम्यून हाइपोथायरायडिज्म के मामले में, गेहूं का सेवन कम करने का सुझाव दिया जाता है. शोध से पता चलता है कि जो लोग ग्लूटेन-फ्री आहार का सेवन करते हैं उनके रक्त में एंटीबॉडी की सांद्रता कम होती है जो थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है.


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