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वो ही बन जाते हैं | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय, लातूर, महाराष्ट्र


 

वक्त आने तक कभी इंतजार मत कर,

वो लम्हा-लम्हा जीतने की कोशिश कर।

हर घड़ी इम्तिहान है ये तेरी जिंदगी,

सफलता नहीं मिलती कभी युंही हाथ धरे बैठकर।

 

रास्ते बहोत है यहां जिंदगी जीने के लिए,

मगर हर रास्ता नहीं जाता सफलता कि ओर।

इसीलिए सोच-समझकर चुन लो वही रास्तां,

जहां न हो कहीं आगे बर्बादी का मंजर।

 

भीड़ देखकर तू भी मत भाग उसी के पीछे,

भीड़ अक्सर होती है यहां बेईमानी के रास्तों पर।

बेईमानी से यहां मिल भी जायेगी सफलता लेकिन,

उसी रास्तें पर चलना होगा तुम्हें अपना जमीर बेचकर।

 

रात का अंधेरा हो या हो दिन की रोशनी,

उसी तरह बदलती है ये जिंदगी कहानी।

ख्वाब सजाकर नयनों में इंतजार मत करना कभी,

उसी ख्वाबों के लिए चलना होगा तुम्हें अथक पथ पर।

 

हारकर मायुसी जब छायेगी जीवन में,

वही हालात कर देते है, हमारे मन को कमजोर।

ऐसे हालातों में उम्मीद मत छोड़ना तुम कभी,

वही उम्मीद दिखायेगी तुम्हें वो कल का सुनहरा अवसर।

 

वक्त आने तक कभी इंतजार मत कर,

वो लम्हा-लम्हा जीतने की कोशिश कर।

हर घड़ी इम्तिहान है ये तेरी जिंदगी,

हारकर भी जो रूकते नहीं,

वो ही बन जाते है एक दिन बाजीगर।

 

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