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मैं बेटी, पत्नी, मां और बहू भी हूं | ऑनलाइन बुलेटिन

©वाणी मसीह (व्याख्याता) 

परिचय– भिलाई, छत्तीसगढ़


 

 

 

मैं बेटी भी हूं, मैं पत्नी भी हूं,

मैं मां भी हूं और मैं बहू भी हूं ।

ना जाने और कितने रिश्ते

निभाते मुझे चलना है ।

अपेक्षाएं मुझसे सबको है,

मुझे सबको निभाते चलना है।

कितने सुंदर रिश्ते हैं,

कितने अनोखे सबकी बातें

मुझे सबको साथ लेते चलना है ।

कभी कोई खुश है मुझसे,

तो कभी कोई नाराज है ।

मुझे सब को मनाते चलना है।

घर भी है मेरा और नौकरी भी मेरी

मुझे सब की जिम्मेदारी लेते चलना है ।

 

कब मुझे रोटी बनानी

कब मुझे आफिस की फाइल बनानी

मुझे सब की प्राथमिकताएं बनाते चलना है।

मैं बेटी भी हूं,

मैं पत्नी भी हूं,

मैं मां भी हूं मैं बहू भी हूं ।

और ना जाने कितने

रिश्ते निभाते चलना है।


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