.

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ | ऑनलाइन बुलेटिन

©कलेश्वर साहू, शिक्षक

परिचय- बिल्हा, छत्तीसगढ़


 

 

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ ।

मैं लागव तोर पइंयाँ ।।

छत्तीसगढ़ हमर जान आय।

इही हमर पहचान आय।।

1 नवम्बर 2000 के छत्तीसगढ़ ल मिलिच पहचान ।

एला जानथे दुनिया के जम्मो जवान अउ किसान।।

छत्तीसगढ़ी के करव सम्मान ।

तभे छत्तीसगढ़ के बढ़ही मान ।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

छत्तीसगढ़ी ल बीस बछर म

नइ मिलिच पहचान।

अपन भाखा बर लड़बो जुड़ मिल लइका अउ सियान।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

अरपा, पैरी, महानदी हे महान ।

जेमा कोखरो नइ हे ध्यान ।।

बस्तर ह छत्तीसगढ़ के बढ़ाथे सान ।

जिहा के रहैया आदिवासी ल देबो सम्मान ।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

छत्तीसगढ़ के तीज तिहार आय एखर पहचान।

जेला मिल जुल के मानथे लइका अउ सियान।।

छत्तीसगढ़ ल कइथे धान के कटोरा ।

बारो महीना म एला एक बार बटोरा ।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

छत्तीसगढ़ के खेल फुगड़ी, गिल्ली, भौरा नंदागे।

लइका मन अब पबजी, मोबाइल,टी.बी. म भुलागे।।

छत्तीसगढ़ के नाचा सुवा, करमा, ददरिया ।

तेखरे सेती हवय छत्तीसगढ़ सबले बढिया।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

छत्तीसगढ़ म बनाय हे जंगल सफारी।

नइ हे संगी एमा थोरको लबारी।।

फेर छत्तीसगढ़ के जंगल ल कोन बचाही।

सहीं सहीं बताहू संगवारी।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ….

 

मैनपाट ल कइथे छत्तीसगढ़ के शिमला।

ए पता हे हमन ला अउ तुँहला ।।

छत्तीसगढ़ के रतनपुर म हवय महामाया धाम।

जेखर दुनिया म हवय अड़बड़ नाम ।।

छत्तीसगढ़ के भुइंयाँ

मैं लागव तोर पइंयाँ

 

ये भी पढ़ें :

गरीब होने के कारण कितने सवर्ण बेइज्जत होते हैं? | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन


Back to top button