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दीपक | ऑनलाइन बुलेटिन

©भरत मल्होत्रा

परिचय- मुंबई, महाराष्ट्र


 

प्रियजनों

 

नवरात्र से शुरू हुआ पर्व धनतेरस दिवाली और भाईदूज पर आकर समाप्त हो जाएगा। रोशनी, मिठाई और पटाखों की ध्वनि के साथ मां लक्ष्मी के आवाहन के साथ दीपावली और सूर्य नारायण की अर्चना के साथ छठ का पर्व भी बीत जाएगा

 

किन्तु…

 

जला के रखना

 

एक दीपक आस का?

 

एक दीपक विश्वास का?

 

एक दीपक प्रेम का?

 

एक दीपक शांति का?

 

एक दीपक मुस्कुराहट का?

 

एक दीपक अपनों के साथ का?

 

एक दीपक स्वास्थ्य का?

 

एक दीपक भाईचारे का?

 

एक दीपक बड़ों के आशीर्वाद का?

 

एक दीपक छोटों के दुलार का?

 

एक दीपक निस्वार्थ सेवा का?

 

इन ग्यारह दीपों के साथ बिताना अगले ग्यारह महीने, फिर दीपावली आ जाएगी। फिर नए दीपक जला लेना।

 

मुस्कुराते रहिए

हँसते और हँसाते रहिए

शुभ दीपावली

 

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