होली के रंगों में, रंगकर आज | ऑनलाइन बुलेटिन
©गुरुदीन वर्मा, आज़ाद
परिचय– गजनपुरा, बारां, राजस्थान
होली के रंगों में, रंगकर आज।
झूम रहे हैं सभी, बनकर मस्तानें।।
रंगों से रंगीन, चेहरे सभी हैं।
नाच रहे हैं गाकर, होली के गानें।।
होली के रंगों में———————।।
चली हैं टोलियां, लेकर पिचकारी।
रंग रहे हैं चेहरे, चलाकर पिचकारी।।
काबू में नहीं है, किसी के मस्ती।
नाच रहे हैं चंग पर, होली के दीवाने।।
होली के रंगों में———————।।
गांव की गलियां, सड़कें शहरों की।
रंगों से रंगीन हैं, बस्तियां नगरों की।।
धरती, आसमां, पंछी और सितारें।
गा रहे हैं सभी आज, प्यार के तरानें।।
होली के रंगों में ————————-।।
गले मिल रहे हैं, दुश्मनी भूलकर।
जाति-धर्म के, मतभेद छोड़कर।।
सभी के दिलों में, यही ख्वाब है।
चलो रंगों से आज, देशप्रेम बढ़ाने।।
होली के रंगों में———————।।