नया साल | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©इंदु रवि
परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
आओ नया साल में
कुछ नया करते हैं ।
ऊंच – नीच का भेद मिटा
नया इतिहास गढ़ते हैं ।
आओ नया साल में
कुछ नया करते हैं ।
कब से इंतजार में
बैठे थे ,
पढ़ लोगे
मन के भाव को ।
दरिया दिल बन रहोगे
दूर रख के ताव को ।
आ मेरे मन की तुम
और तेरे मन की
हम बात पढ़ते हैं
आओ नया साल में
कुछ नया करते हैं
पास होकर भी दूरियां बहुत है
कौन समझाए किसको
मजबूरियां बहुत है ।
दूरियां मिटे मन की
कुछ ऐसा करते हैं
आओ नया साल में
कुछ नया करते हैं ।
करती हूँ स्वागत
2023 का
सबको यथोचित धन देना ।
आधी- व्याधि दूर कर
सबको सुन्दर तन देना ।
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