उदासी के मौसम…

©भरत मल्होत्रा
फैले दूर तक उदासी के मौसम नहीं होते
अगर तुम पास होते ज़िंदगी में गम नहीं होते
============================
दिल मिलने की बातें है, राह मिलने से क्या होगा
जहां में साथ चलने वाले सब हमदम नहीं होते
============================
सूनी-सूनी लगती है भीड़ कितनी भी हो चाहे
कभी यारों की महफिल में अगरचे हम नहीं होते
============================
खरीदा जा अगर सकता वक्त पैसे से थोड़ा भी
रईसों के घरों में फिर कभी मातम नहीं होते
============================
और बढ़ते ही जाएँगे लुटाओ जितना चाहे तुम
खुशियों के खज़ाने बाँटने से कम नहीं होते
============================

? सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
? अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: