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सरदार वल्लभ पटेल | ऑनलाइन बुलेटिन

भारतभूमि को किया पुनीत,

वल्लभ भाई जिसका नाम,

अटल इरादों से लौह-पुरूष,

उपनाम,भारत के आजादी,धेय।।

 

समकालीन और राजनेता,साथ,

भारत का सर्वागीण विकास-रथ,

खिचंने में दिया दिव्य,योगदान,

सादगी,अनुशासन,गाम्भीर्य,श्रीमुख।।

 

निर्णयों में खरी उतरने,मेहनत,

लगन,चितंन,मनन करतें,राम,

सहज-सरल,ओजस्वी वक्ता,

नेतृत्व क्षमता के धनी,वल्लभ।

 

उच्च शिक्षा,नैतिकता में धनी,

तनिक न था गुमान,पद,प्रतिष्ठा,

समसामयिक राजनेताओं संग,

विचार,विमर्श से लेते फैसला।।

 

भारत-पाकिस्तान बटवारा,

न था उनका चाह,तेजस्वी-वर

परन्तु परिस्थितिजन्य,बाध्यता,

न रहा कोई दूजा,राह,शान्ति का।।

 

मजबूरी से मजबूर हुऐ वल्लभ,

प्रगतिवादी सोच से मनाया,लोहा,

बहुआयामी व्यक्तित्व के थे मणि,

अविस्मरणीय रहेंगे,पटेलजी,माही।।

 

अरुणा अग्रवाल

©अरुणा अग्रवाल

परिचय- लोरमी, मुंगेली, छत्तीसगढ़.

 

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