शिक्षक तो अनमोल है | Newsforum
©प्रियंका सौरभ, हिसार, हरियाणा
नूर तिमिर को जो करे, बांटे सच्चा ज्ञान !
मिट्टी को जीवित करे, गुरुवर वो भगवान !!
भरे प्रतिभा, योग्यता, बुनता सभ्य समाज !
समदृष्टि, सद्भाव भरे, पूजनीय ऋषिराज !!
जब रिश्ते है टूटते, होते विफल विधान !
गुरुवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान !!
धैर्य और विवेक भरे, करते दुर्गुण दूर !
तप, बल से निर्मित करें, सौरभ निर्भय शूर !!
नानक, गौतम, द्रोण संग, कौटिल्या, संदीप !
अपने- अपने दौर के, मानवता के दीप !!
चाहत को पर दे यही, स्वप्न करे साकार !
शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन देत निखार !!
शिक्षक तो अनमोल है, इसको कम मत तोल !
मीठे हैं परिणाम बहुत, कड़वे इसके बोल !!
गागर में सागर भरे, बिखराये मुस्कान !
सौरभ जिसे गुरु मिले, ईश्वर का वरदान !!