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ऑनलाइन हेल्थ बुलेटिन : बवासीर की समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज, ओपन सर्जरी से कई गुना बेहतर | Ayurvedic Remedies For Piles

Ayurvedic Remedies For Piles : नई दिल्ली | [हेल्थ बुलेटिन] | When suffering from piles, warts form inside or outside the anus and the veins become swollen. Sometimes these warts also bleed. Due to which you have to face severe pain. Due to this disease, you have to bear pain while getting up, walking, doing daily activities and especially while defecating.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : बवासीर से पीड़ित होने पर गुदा के अंदर या बाहरी हिस्से में मस्से बन जाते हैं और नसों में सूजन आ जाता है. कभी -कभी इन मस्सों से खून भी निकलता है. जिसकी वजह से आपको तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी के कारण आपको उठने-बैठने, चलने-फिरने, अपने दैनिक जीवन के कामों को करने तथा खासकर मलत्याग करते समय दर्द सहन करना पड़ता है. (Ayurvedic Remedies For Piles)

 

यह कोई बड़ी या गंभीर बीमारी नहीं है. अगर शुरूआती स्टेज में ही इसके लक्षणों को पहचानकर सही इलाज कराया जाए तो बहुत ही कम समय में इससे छुटकारा पाया जा सकता है. लेकिन ज्यादातर लोग शुरुआत में ही इसे नजरअंदाज कर देते हैं. जिसके कारण यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है. इसकी गंभीरता के साथ मरीज की परेशानियां भी कई गुना बढ़ जाती हैं. यह बीमारी किसी भी इंसान को प्रभावित कर सकती है. वेद की सलाह से ही ले औषधि इसलिए इनका सेवन करने से पहले अपने वैद्य से इसका डोज तय करवाना न भूलें. (Ayurvedic Remedies For Piles)

 

कांकायन वटी

 

कांकायन वटी अदरक, पिप्पली जड़ी बूटियों और हरीतकी को मिलाकर बनाया जाता है.बवासीर के कारण उत्पन्न दर्द और सूजन भी दूर हो जाता है. यह भूख बढ़ाने तथा तथा कब्ज को दूर करने का काम करता है, जिससे बवासीर के लक्षण कम होने लगते हैं. (Ayurvedic Remedies For Piles)

 

त्रिफला गुग्गुल

 

बवासीर के लक्षणों को दूर करने वाली खास आयुर्वेदिक दवाओं में त्रिफला गुग्गल का नाम भी शामिल है. यह दवा पिप्पली, हरीतकी, गुग्गल, विभूतकी और आंवला जैसी जड़ी बूटियों से मिलकर निर्मित होती है. (Ayurvedic Remedies For Piles)

 

अंजीर

 

अंजीर पेट से जुड़े विकारों को नष्ट करके बवासीर के लक्षणों को खत्म करता है. इसके सेवन से पाइल्स के कारण उत्पन्न दर्द, जलन और खुजली काफी हद तक खत्म हो जाती है.

 

मंजिष्ठा

 

रक्त की गंदगी साफ करने के लिए यह सबसे बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है. इसका उपयोग बवासीर के अलावा कैंसर, किडनी स्टोन, दस्त और पेचिश की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है. मंजिष्ठा में ट्यूमर नष्ट करने वाले तथा ऊतकों को सिकोड़ने के गुण मौजूद होते हैं.

 

हरीतकी

 

हरीतकी को आयुर्वेदिक औषधियों में सबसे गुणकारी औषधि माना जाता है. यह पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए सदियों से उपयोगी है. कब्ज पर लगाम लगाकर यह मलत्याग के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है और अप्रत्यक्ष रूप से मस्सों को कम करने में सहायक होता है. (Ayurvedic Remedies For Piles)

 

सूरन

 

बवासीर में गुदा में फोड़े हो जाते हैं जिसके कारण मलत्याग करने में असहजता होती है. विशेषज्ञ के अनुसार सूरन खूनी बवासीर में बहुत फायदेमंद होता है.

 

अर्शकल्प

 

बवासीर के लिए अर्शकल्प बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक दवा है. बाजार में आप पतंजलि या फिर वेदऋषि की अर्शक्ल्प वटी नामक टेबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.

 

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