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राधेकृष्ण नोकझोंक | newsforum

©प्रीति विश्वकर्मा, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

 


 

एक झलक

 

1.

स्नान करने को राधे, आवे यमुना नीर

वस्त्र चुरावन आय है, श्याम कालिंदी तीर

 

2.

बंसी बजाये श्याम त्यो, छेड़ॆ अद्भुत तान

सुन गोपी बाँसुरी धुन, भूलि हुयी अनजान

 

3.

इहि सटीक क्षण चोरि का, उतरें तरुवर श्याम

वस्त्र चुराये ले गयो, बहु दूर धनश्याम

 

4.

बिन वस्त्र निकलें कैसे, कान्ह ले गयो चीर

चोर चोर चिल्लात सब, कोन ले गयो चीर?

 

5.

हे ! मोहन तू चोर है, वस्त्र ले गयो चुराय

दे दॆ वस्त्र धनश्याम तू, देब मैया से बताय

 

6.

देखो श्याम ना छॆङो, अब तो छोड़ो बैर

है सखा हमारे श्याम, तो काहे का बैर

 

7.

बिन श्याम ये वृन्दावन, लगे न कॆहू रास

श्याम बिना ये यमुन तट, रच ना पावे रास …


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