राउत के दोहे …
©अशोक कुमार यादव
परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़.
आगे तिहार देव उठनी के, मंडप बनायेंव कठई के हो।
कोहड़ा के पकुवा फदकाके, जेंवाबो कान्हा, तुरसी ल हो।।
सिरी किसना के जय बोलावंव, पाँव परौंव हाथ जोर हो।
घेरी-बेरी मैंय माथा नवावंव, जम्मों कोती करदे अंजोर हो।।
खुमरी ओढ़ के बँसुरी बजावय, खेत-खार म यादव हो।
धोतिया अउ जाकिट ह फभय, लहुट-पहुट के आवय हो।।
पहट चराके आवय पहटिया, बरदी चराके बरदिहा हो।
दोहनी म दूध दूहय, खाँड़ी म चुरोवय अधिरतिया हो।।
अहीरा नाचे टोली संग म, पारे सिंगार, मया के दोहा हो।
क्षत्रिय कुल के यदुवंशी आवैंय, कोनों नइ लैंय लोहा हो।।
खोड़हर देव के पूजा करैंय, राउत मन जाग के मातर हो।
गड़वा बाजा के धुन म थिरके, सजे धरे लाठी पातर हो।।
परसा जरी के सुहई बनायेंव, मोर पांखी ले सजायेंव हो।
अमरीत कस गोरस देवइया, गऊ माता ल पहिरायेंव हो।।
देवत हन आसिस तुंहला, अन्न-धन खूब बाढ़य घर म हो।
लाख बरीस जीयव सबो झन, सुख जिनगी के तर म हो।।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: