साधुवाद | Newsforum

©प्रीति बौद्ध, फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश
सम्यक संस्कृति का इतिहास है निर्विवाद।
मेरी कलम करे महापुरुषों को साधुवाद।।
तथागत बुद्ध ने हमको धम्म दिया।
पाखण्ड से नर -नारी को मुक्त किया।।
धम्म मार्ग को अपनाकर जीवन करें निर्वाह।
धम्म निहारिकाओं को है सबका साधुवाद।।
सम्यक संस्कृति का इतिहास है निर्विवाद।
मेरी कलम करे महापुरुषों को साधुवाद।।
सम्यक संस्कृति न चाहे किसी का अहित,
ऊंच-नीच न हो, मानवता में ही है हित।
सम्यक शांतिप्रिय और सच्ची राह दिखाए,
सम्यक संस्कृति को उंगुलिमाल करे साधुवाद।।
सम्यक संस्कृति का इतिहास है निर्विवाद।
मेरी कलम करे महापुरुषों को साधुवाद।।
सावित्री, ज्योतिबा ने शिक्षा की ज्योति जलाई,
वो ज्योति बाबा साहब ने अमर ज्योति बनाई।
वंचितों को अधिकार दिला जीवन किया आबाद,
अधिकार दाता को सबका है षस्टांग साधुवाद।।
सम्यक संस्कृति का इतिहास है निर्विवाद।
मेरी कलम करे महापुरुषों को साधु बाद।।
महानायकों का करें अनुशरण रखें मन स्वच्छ,
अहिंसा करुणा मैत्री बंधुत्व भाव हो निष्पक्ष।
पाखंडता से रहा जिनके जीवन में अवसाद,
दे धम्म तथागत ने उनका जीवन किया आबाद।।
सम्यक संस्कृति का इतिहास है निर्विबाद।
मेरी कलम करे महापुरुषों को साधुवाद।।