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Short Story : पहली प्रसव पीड़ा…

©श्याम कुंवर भारती 

परिचय- बोकारो, झारखंड


 

लघु कथा

 

Short Story : Deepa had been married for two years. The family was full of food and drinks. There was no shortage of anything. Husband Prem Kumar also loved her very much according to his name. Deepa had done MBA in Business Management but after marriage her husband told her to take rest now. After one or two years when you will have a child then do some job.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : दीपा को शादी हुए दो वर्ष हो गए थे । भरा पूरा और खाता पीता परिवार था।किसी चीज की कमी नहीं थी।पति प्रेम कुमार भी अपने नाम के अनुसार उससे बहुत प्यार करता था। दीपा ने एम बी ए बिजिनेस मैनेजमेंट से किया था लेकिन विवाह के बाद उसके पति ने कहा अभी तुम आराम करो।एक दो साल के बाद जब एक बच्चा हो जाएगा तब कही जॉब कर लेना।

 

दो साल के बाद दोनो ने बच्चे का प्लान बनाया और दीपा गर्भवती हो हैं।दोनो बहुत खुश हुए ।दीपा की सास ने कहा बेटा पहली डिलीवरी होने वाली है कोई लापरवाही नही करना ।जल्दी से डॉक्टर से मिलकर सलाह ले लो।

ध्यान रखना लेडी डॉक्टर हमारे घर के आसपास की ही हो जो कभी भी जरूरत पड़ने पर उपलब्ध हो सके और उसका मोबाईल नम्बर जरूर ले लेना ताकि समय पर उससे बात हो सके।(Short Story)

 

प्रेम ने वही किया अपने घर के पास के ही एक नर्सिंग होम में डॉक्टर नीलम गुप्ता से दीपा का का जांच करवाया।डॉक्टर ने जांच कर दवा लिख दिया । प्रेग्नेंसी कॉन्फर्म कर दिया । टेटवेक का इंजेक्सन लगा दिया और आराम करने की सलाह देकर भेज दिया।

 

तीसरे महीने में डॉक्टर ने फिर बुलाया और जांच कर कुछ सावधानिया बरतने की सलाह देकर भेज दिया।(Short Story)

 

छठे महीने में दीपा का शरीर भारी होने लगा था।अब वो ज्यादा आराम किया करती थी।उसके देवर और ननद जब भी स्कूल से आते भाभी भाभी करके उसके पास दौड़े चले जाते थे।सब कुछ उसे सब बेड पर ही देते थे।

 

उसकी सास ने कहा बहु आराम करना ठीक है लेकिन घर का कुछ हल्का फुल्का काम किया करो।नही तो बच्चेदानी जाम हो जायेगी । बच्चा बीना ऑपरेशन के नार्मल डिलिवरी से नहीं हो पाएगा।(Short Story)

 

दीपा ने कहा ठीक है मां ।लेकिन उसे बडा बुरा लगा ।उसने अपनी मां को फोन कर कहा मां डॉक्टर आराम करने बोल रही है।लेकिन मेरी सासू मां थोड़ा थोड़ा काम करने बोल रही है। क्या करूं बोलो।

 

बेटी तुम्हारी सासू मां ठीक कह रही है तुमको थोड़ा चलते फिरते रहना है। हल्का फुल्का कोई भी काम कर सकती हो वर्ना आगे तुमको ही दिक्कत होगी।(Short Story)

 

डॉक्टर ने कहा है तो उसका मतलब यह नहीं है की बस दिन रात बेड पर ही पड़ी रही।

 

जब मैं मां बनने वाली थी तो मैं कभी बैठी नही लगातार काम करती रही ।तुम चारो भाई बहन का जन्म घर पर ही हुआ था। गांव की दाई ने आकर करवाया था।लेकिन अब जमाना बदल गया है।बिना ऑपरेशन की कोई डिलिवरी होती ही नहीं है।सोचो गरीब औरतों का क्या होता होगा।(Short Story)

 

दीपा ने कहा ठीक है मां मैं समझ गई दीपा ने कहा।

 

और हा अपने बेडरूम में श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल का फोटो लगा लेना तुम्हारा जो भी बच्चा होगा वो भी कान्हा की तरह सुंदर होगा।उसकी मां ने सुझाव दिया।

 

ठीक है मां दीपा ने कहा और फोन काट दिया।

 

दीपा को बहुत चटर पटर खाने को जी करता था।उसे जो कुछ भी मिलता सब खा जाती थी।उसका शरीर फूलने लगा।उसकी सास ने कहा बहु इस हाल में तुमको फल फूल साग सब्जी और दूध आदि खाना पीना चाहिए बाजार की आलतु फालतू चीजे मत खाया करो।इससे तुमको और तुम्हारे बच्चे को नुकसान होगा ।उसने अपने बेटे प्रेम से कहा डॉक्टर से मिल लो।(Short Story)

 

डॉक्टर ने कहा इसे एनीमिया हो गया है।खून की कमी हो गई है इसलिए शरीर फूल रहा है।इसे पौष्टिक आहार और आयरन की जरूरत है।

 

घर आकर दीपा ने अपने पति से कहा मुझे मेरे मायके ले चलो ।

 

लेकिन क्यों प्रेम ने पूछा ।बस ऐसे ही दीपा ने कहा।ठीक है मैं मां से बात करता हूं।प्रेम के जाने के बाद दीपा ने अपनी मां को फोन कर कहा मां तुम पापा को भेजकर मुझे अपने पास बुला लो मेरा मन यहां नही लग रहा है।

 

उसकी मां ने उसे बहुत समझाया की तेरे ससुराल में सारी सुविधाएं हैं बेटी है और यहां गांव में तुम्हे दिक्कत होगी लेकिन वो नही मानी।

 

आपने मायके आकर दीपा खूब मनमानी करने लगी। न ढंग से डाक्टर से चेक अप हो पाया न दवा ली।और न पौष्टिक आहार ली।बस बाजार से जो मन किया खाती पीती रहीं और सोती रही।केवल खाने पीने के लिए वो मैके आ गई थी। नतीजन डिलिवरी के समय उसका बच्चा बच्चेदानी में फंस गया। आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया तब तक उसे इन्फेंक्सन हो गया।(Short Story)

 

बड़ी मुश्किल से जच्चा बच्चा की जान बचाई गई।उसके ससुराल के लोग दूसरे दिन आकर उसे ले आए और अच्छे अस्पताल में भर्ती करा दिया ।करीब पंद्रह दिनों बाद वो ठीक होकर अपने बच्चे के साथ घर आई थी।पहला बच्चा पाकर प्रेम और उसके घर वाले बहुत खुश हुए लेकिन उसकी मनमानी से सब नाराज भी थे। दीपा ने अपनी गलती मान ली।

 

Short Story
श्याम कुंवर भारती

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