.

पूज्य भदंत डॉ. आनन्द कौसल्यायन जी के परिनिर्वाण दिवस पर विशेष एवं कोटि कोटि नमन | Bhadant Dr. Anand Kausalyan

Bhadant Dr. Anand Kausalyan : राजेश कुमार बौद्ध | Bhadant Dr. Anand Kausalyan was born on 5 February 1905 in a village called Sohana in Punjab. He was also from Brahmin clan. His initial name was Harnam Das. After passing the Bachelor of Arts examination in 1926, he had a chance meeting with Rahul Sankrityayan in Meerut. It was this chance encounter that turned his life towards Buddhism. In December 1927, at the invitation of Rahul Sankrityayan, he went to Sri Lanka, where he studied ‘Tripitaka’ at Vighalankara Buddha Vihar. Whereas Acharya L. From Dhammananda, he took monk initiation of Buddhism. His initiation-name was ‘Bhadant Anand Kausalyayan’.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन | भदंत डॉ आनन्द कौसल्यायन जी का जन्म 5 फरवरी 1905 को पंजाब के सोहाना नामक गॉव में हुआ था। वे भी ब्राह्मण कुल से थे। उनका दीक्षापूर्व नाम हरनाम दास था। (Bhadant Dr. Anand Kausalyan)

 

सन् 1926 में कला स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मेरठ में उनकी राहुल सांस्कृत्यायन से आकस्मिक मुलाकात हुई। इस आकस्मिक मुलाकात ने ही उनके जीवन को बौद्ध धर्म की ओर मोड़ दिया।

 

दिसम्बर 1927 में राहुल सांस्कृत्यायन के ही निमंत्रण पर वे श्रीलंका गए, जहां के विघालंकार बुद्ध विहार में उन्होंने ‘ त्रिपिटकों ʼ का अध्ययन किया। वहीं पर आचार्य एल. धम्मानंद से उन्होंने बौद्ध धर्म की भिक्षु दीक्षा ली। उनका दीक्षा-नाम ‘ भदंत आनन्द कौसल्यायन ʼ हुआ। (Bhadant Dr. Anand Kausalyan)

 

श्रीलंका में रहकर भदंत आनन्द कौसल्यायन का पूर्ण रूपांतरण हो गया। उन्होंने लेखनी के माध्यम से बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया और आजीवन इस संकल्प को साकार करने में सक्रिय रहे, उन्हें महाबोधि सोसाइटी की हिन्दी भाषा की मासिक पत्रिका ‘धर्मदूतʼ के संपादन का भी अवसर मिला।

 

यघापि वे संस्कृत, पालि, उर्दू , पंजाबी, अंग्रेजी आदि कई भाषाओं के आधिकारिक विद्धान थे, लेकिन साहित्य-सर्जना के लिए उन्होंने हिन्दी को ही अपना मुख्य आधार बनाया। बोधिसत्व बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी के बौद्ध साहित्य का अंग्रेजी से हिन्दी में अधिकांश अनुवाद डॉ भदंत आनन्द कौसल्यायन ने ही किया उन्होंने ‘ पालि ‘हिंदी शब्दकोश, सिंहल भाषा और साहित्य , मौदगल्यायन व्याकरण, आदि समृद्ध ग्रंथो की रचना की ।इसके अलावा महावंश, जातक कथाएँ, धम्मपद, अभिधम्मत्थ संगहो, अंगुत्तर निकाय, आदि दर्जनों बौद्ध ग्रंथों का हिन्दी में अनुवाद किया। (Bhadant Dr. Anand Kausalyan)

 

परम पूज्य बोधिसत्व बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी के बौद्ध आन्दोलन से वे अत्यधिक प्रभावित थे। बोधिसत्व बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी का अंतिम संस्कार भी उन्होंने ही कराया था और तदुपरांत हजारों लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।(Bhadant Dr. Anand Kausalyan)

 

देश -विदेश की यात्राएं करते हुए उन्होंने व्याख्यानों एवं लेखनी ध्दारा बुद्ध के संदेश के प्रचार-प्रसार करने में विशेष योगदान दिया। जीवन के उत्तरार्ध में उन्होंने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी की धम्मभूमि नागपुर को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। वहां एक बौद्ध प्रशिक्षण संस्थान, बुद्ध विहार, भिक्षु निवास की स्थापना की और 22 जून 1988 को 83 वर्ष की आयु में वही निर्वाण को प्राप्त हुए। (Bhadant Dr. Anand Kausalyan)

 

? सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

Bhadant Dr. Anand Kausalyan

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

? अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

 

ये खबर भी पढ़ें:

JSSC झारखण्ड 1562 जूनियर इंजीनियर के पदों में सीधी भर्ती l JSSC Junior Engineer Bharti 2023

 


Back to top button