.

Dr. Ambedkar ने गुलामों को बनाया; इंसान…

Rajesh Kumar Buddh,
राजेश कुमार बौद्ध

©राजेश कुमार बौद्ध

परिचय- गोरखपुर, उत्तर प्रदेश.


 

Dr. Ambedkar : Thousands of emperors have been made by enslaving humans, but the one who made slaves human is Dr. Ambedkar, the first Indian to complete doctorate degree abroad, according to Cambridge University, England, Dr. Ambedkar mastered more than 64 subjects, which is a world record till date, and Cambridge University, England declared him the most talented person in the world in 2011.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन: इंसानों को गुलाम बनाकर हज़ारों बादशाह बने हैं, लेकिन जो गुलामों को इंसान बनाए वो हैं बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर हैं, विदेशों में डाक्टरेट की डिग्री पूरा करने वाले पहले भारतीय थे, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड के अनुसार डॉ. अम्बेडकर 64 से अधिक विषयों में महारत रखते थे जो आज तक विशव रिकॉर्ड है, और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड ने सन् 2011 में उन्हें विश्व का सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति घोषित किया।

 

डॉ. अम्बेडकर 9 भाषाएँ जानते थे, मराठी (मातृभाषा) हिन्दी, संस्कृत, गुजराती, अंग्रेज़ी, पारसी, जर्मन, फ्रेंच, पाली उन्होंने पाली व्याकरण और शब्दकोष (डिक्शनरी) भी लिखी थी,जो महाराष्ट्र सरकार ने ” डॉ बाबा साहब अम्बेडकर राइटिंग एंड स्पीचेस वॉल्यूम 16 ” में प्रकाशित की हैं।(Dr. Ambedkar)

 

डॉ. अम्बेडकर दक्षिण एशिया में अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले पहले व्यक्ति थे और साथ ही दक्षिण एशिया अर्थशास्त्र में डबल डॉक्टरेट करने वाले भी वह पहले व्यक्ति थे।एक मात्र भारतीय जिनका फोटो ब्रिटेन स्थित लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगा है। डॉ अम्बेडकर अर्थशास्त्र में डॉक्ट्रेट ऑफ़ साइंस करने वाले पहले भारतीय थे।

 

यूनाइटेड नेशनल ने डॉ.अम्बेडकर के जन्म दिन को विश्व ज्ञानदिवस के रूप में मानाने का निर्णय लिया है। डॉ.अम्बेडकर के पास 21 विषयों में डिग्री थी जो आज तक रिकॉर्ड है,जिसमें उन्होंने 9 डिग्री विदेश में और 12 डिग्री भारत में प्राप्त की है।(Dr. Ambedkar)

 

डॉ. अम्बेडकर ने वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम सदस्य रहते हुए डॉ.अम्बेडकर ने पहली बार महिलाओं के लिए प्रसूति अवकाश (मैटरनल लिव) की व्यवस्था की थी, उन्होंने महिलाओ को तलाक का अधिकार भी दिलवाया।

 

भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना सन् 1925 में डा.अम्बेडकर द्वारा “हिल्टन–यंग कमीशन” को प्रस्तुत दिशा निर्देशों के आधार पर की गयी थी, इस कमीशन का आधार डॉ. अम्बेडकर की किताब ” रूपये की समस्या-उस का उदगम और निदान ” को आधार बना के ब्रिटिश सरकार द्वारा की गयी थी, जो उस समय पहले विशव युद्ध के बाद आर्थिक परेशानियों का सामना कर रही थी।

 

प्रोफेसर अमर्त्य सेन 6 वे भारतीय जिन्हे नोबल पुरुस्कार मिला अर्थशास्त्री में उन्होंने कहा था ” डॉ. बी. आर. अम्बेडकर अर्थशास्त्र में मेरे पिता है। “(Dr. Ambedkar)

 

13 वे वित्त आयोग की सभी रिपोर्ट के संदर्भ के मूलस्रोत,1923 में लिखित डा. अम्बेडकर पीएचडी थीसिस,” ब्रिटिश भारत में प्रांतीय वित्त विकास ” पर आधारित थे। यह डॉ. अम्बेडकर ही थे जिन्होंने 7वें भारतीय श्रम सम्मेलन में यह कानून लागु करवाया की भारत में मजदूर 14 घंटे की बजाये केवल 8 घंटे काम करेंगे।

 

दामोदर घाटी परियोजना और हीराकुंड परियोजना और सोन नदी परियोजना के निर्माता :- डॉ. अम्बेडकर ने ही अमेरिका के टेनेसी वैली परियोजना की तर्ज पर दामोदर घाटी परियोजना की शुरूवाती रुपरेखा तैयार की, केवल दामोदर घाटी परियोजना ही नहीं, हीराकुंड परियोजना, सोन नदी घाटी परियोजना भी उनके द्वारा तैयार की गयी। 1945 में, डॉ.अम्बेडकर की अध्यक्षता में, श्रम के सदस्याें, द्वारा महानदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए एक बहुउद्देशीय परियोजना में निवेश का निर्णय लिया गया था। (Dr. Ambedkar)

 

डॉ.अम्बेडकर यह चाहते थे की भारत की नदियों को एक साथ जोड़ दिया जाये, जिसकी वजह थी की बाढ़-और सूखे की समस्या ने निबटा जा सके उन्होंने जल नीति के बारे में अनुछेद 239 और 242 को समझते हुए कहा था की अन्तर्राज्यीय नदी को जोड़ना और नदी घाटी को विकसित करना जनहित में अनिवार्य है जिसका दायित्व शासन का है।

 

डॉ.अम्बेडकर जम्मू और कश्मीर के लिए अलग संविधान के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लिए 370 धारा नहीं लिखने का फैसला लिया जिसे बाद में और किसी से लिखवाया गया।(Dr. Ambedkar)

 

बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर ने महिलाओं के लिए एक विवाह अधिनियम, गोद लेने का अधिकार, तलाक, शिक्षा का अधिकार आदि बनाया जिसका रूढ़िवादी समाज द्वारा विरोध किया गया। लेकिन बाद में अलग अलग हिस्सों में अम्बेडकर के बनाये कानूनो को पास किया गया और लागु किया गया। यह डॉ. अम्बेडकर का भारत की महिलाओं के लिए विशेष योगदान था।

 

डॉ.अम्बेडकर ने राज्यों के बेहतर विकास के लिए मध्य प्रदेश को उत्तरी और दक्षिणी भाग में बाटने का और बिहार को भी दो हिस्सों में बटाने का सुझाव सन 1955 में दिया था,जिस पर लगभग 45 सालो बाद अमल किया गया और मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़ में,और बिहार को झारखंड में बाटा गया यह भी डॉ.अम्बेडकर की दूरदर्शिता थी।(Dr. Ambedkar)

 

संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय से 2004 में अपनी स्थापना के 250 वर्ष पूरे कर लिए और इस बात के जश्न में कोलंबिया विश्वविद्यालय ने अपने 100 अग्रणी छात्रों की सूची जारी की जिसमें डॉ. अम्बेडकर का नाम भी है, इसके साथ ही साथ इस सूची में 6 अलग अलग देशों के पूर्व राष्ट्पति, 3 पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों और कुछ नोबेल पुरस्कार विजेताओं का नाम भी है।

 

बेल्जियम के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने विश्वविद्यालय में से एक के यू लिउवेन ने भी भारत के संविधान दिवस के दिन 2015 में डॉ. अम्बेडकर का सम्मान किया और उनके नाम से पुरुस्कार देने की घोषणा की। डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति यॉर्क यूनिवर्सिटी कनाडा में भी लगाई गई है।(Dr. Ambedkar)

 

डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर के द्वारा ही सरकारी क्षेत्र में कौशल विकास पहल शुरू की गयी। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई), ईएसआई श्रमिकों को चिकित्सा देखभाल, मेडिकल लीव (बीमार हो जाने पर मिलने वाली छुट्टी),काम के दौरान शारीरिक रूप से अक्षम हो जाने पर विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने के लिए क्षतिपूर्ति बीमा प्रदान करता है।

 

डॉ. अम्बेडकर ने ही इस अधिनियम को बनाया था और लागु करवाया, और पूर्व एशियाई देशों में मजदूरों के लिए ‘ बीमा अधिनियम ‘ लागु करने वाला भारत पहला देेश बना यह डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर के ही प्रयास से हुए।डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने श्रम विभाग में रहते हुए भारत में ” ग्रिड सिस्टम ” के महत्व और आवश्यकता पर बल दिया जो आज भी सफलता पूर्वक काम कर रहा है।(Dr. Ambedkar)

 

डॉ.बाबा साहब अम्बेडकर जी के मार्गदर्शन में श्रम विभाग ही था जिसने ” केंद्रीय तकनीकी विद्युत बोर्ड ” (CTPB) की स्थापना करने का निर्णय लिया बिजली प्रणाली के विकास,जल विद्युत स्टेशन, साइटों, हाइड्रो-इलेक्ट्रिक सर्वेक्षण, बिजली उत्पादन और थर्मल पावर स्टेशन की जांच पड़ताल की समस्याओं का विश्लेषण इसका प्रमुख काम थे, बिजली इंजीनियरों जो प्रशिक्षण के लिए विदेश जा रहे हैं, इसका श्रेय भी डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर जी को जाता है जिन्होंने श्रम विभाग के एक नेता के रूप में अच्छे सबसे अच्छा इंजीनियराें को विदेश में प्रशिक्षण देने की नीति तैयार की थी।

 

1942 में बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर भारतीय सांख्यिकी अधिनियम पारित करवाया। जिस के बाद डीके पैसेंड्री ((पूर्व उप प्रधान, सूचना अधिकारी,भारत सरकार) ने अपनी किताब में लिखा की डा. बाबा साहब अम्बेडकर के भारतीय सांख्यिकी अधिनियम के बिना मैं देश में मजदूरो की स्तिथि, उनके श्रम की स्थिति,उनकी मजदूरी दर,अन्य आय, मुद्रास्फीति, ऋण,आवास, रोजगार, जमा और अन्य धन,श्रम विवाद का आकलन नहीं कर पाता।भारतीय श्रम अधिनियम 1926 में अधिनियमित किया गया था।(Dr. Ambedkar)

 

यह केवल ट्रेड यूनियनों रजिस्टर करने के लिए मदद करता था लेकिन यह सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, 8 नवंबर 1943 को डॉ भीमराव अम्बेडकर ट्रेड यूनियनों की अनिवार्य मान्यता के लिए इंडियन ट्रेड यूनियन (संशोधन) विधेयक लाया।

 

डॉ.अम्बेडकर ने देश में महिलाओ की स्थिति सुधारने के लिए सन् 1951 में उन्होंने ‘ हिंदू कोड बिल ‘ संसद में पेश किया, बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर प्राय: कहा करते थे कि मैं हिंदू कोड बिल पास कराकर भारत की समस्त नारी जाति का कल्याण करना चाहता हूं। मैंने हिंदू कोड बिल पर विचार होने वाले दिनों में पतियों द्वारा छोड़ दी गई अनेक युवतियों और प्रौढ़ महिलाओं को देखा।

 

उनके पतियों ने उनके जीवन-निर्वाह के लिए नाममात्र का चार-पांच रुपये मासिक गुजारा बांधा हुआ था। वे औरतें ऐसी दयनीय दशा के दिन अपने माता- पिता, या भाई- बंधुओं के साथ रो- रोकर व्यतीत कर रही थीं। उनके अभिभावकों के हृदय भी अपनी ऐसी बहनों तथा पुत्रियों को देख-देख कर शोकसंतप्त रहते थे।

 

लंदन विश्वविद्यालय मे डी.एस्. सी. यह उपाधी पाने वाले पहले और आखिरी भारतीय है। लंदन विश्वविद्यालय का 8 साल का पाठ्यक्रम 3 सालों मे पूरा करने वाले महामानव बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी है।(Dr. Ambedkar)

 

बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी द्वारा स्थापित शैक्षणिक संघटन,डिप्रेस क्लास एज्युकेशन सोसायटी -14 जून 1928, पीपल्स एज्युकेशन सोसायटी, 8 जुलाई 1945, सिद्धार्थ काॅलेज – मुंबई- 20 जून 1946, मिलींद काॅलेज औरंगाबाद 1जून 1950, बाबा साहब अम्बेडकर जी ने संसद में पेश किए हुए विधेयक महार वेतन बिल, हिन्दू कोड बिल, जनप्रतिनिधि बिल, खोती बिल, मंत्रीओं का वेतन बिल, मजदूरों के लिए वेतन (सैलरी) बिल, रोजगार विनिमय सेवा, पेंशन बिल,भविष्य निर्वाह निधि।आदि।

 

लंदन विश्वविद्यालय के पुरे लाईब्ररी के किताबों की छानबीन कर उसकी जानकारी रखने वाले एकमात्र बाबा साहब डॉ अम्बेडकर । बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर को प्राप्त सम्मान भारत रत्न, कोलंबिया यूनिवर्सिटी की और से उन्हें द ग्रेटेस्ट मैन इन द वर्ल्ड कहा गया, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें द यूनिवर्स मेकर कहा गया सी एन एन आई बी एन, आउटलुक मैगज़ीन और हिस्ट्री (टीवी चैनल) द्वारा कराये गए एक सर्वे में आज़ादी के बाद डॉ.अम्बेडकर को देश का सबसे महान व्यक्ति चुना गया।

 

डॉ.अम्बेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि अपने लाखों अनुयायियों के साथ हिन्दू धर्म के कुरीतियों से तथा जाति प्रथा से तंग आकर बौद्ध धर्म अपनाया जो विश्व के इतिहास में आज तक का स्वय इच्छा से किया गया सबसे बड़ा धर्म परिवर्तन है।बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर इनकी निजी किताबो के कलेक्शन में अंग्रेजी साहित्य की 1300 किताबें, राजनितीक 3,000 किताबें, युद्ध शास्त्र की 300 किताबें अर्थशास्त्र की 1100 किताबें, इतिहास की 2,600 किताबें,धर्म की 2000 किताबें, कानून की 5,000 किताबें, संस्कृत की 200 किताबें मराठी की 800 किताबें हिन्दी की,500 किताबें तत्वज्ञान (फिलाॅसाफी) की 600 किताबें, रिपोर्ट की 1,000, संदर्भ साहित्य (रेफरेंस बुक्स) की 400 किताबें पत्र और भाषण की 600, जिवनीयाँ (बायोग्राफी) की,1200, एनसाक्लोपिडिया ऑफ ब्रिटेनिका-1 से 29 खंड, एनसाक्लोपिडिया ऑफ सोशल सायंस-1से15 खंड, कैथाॅलिक एनसाक्लोपिडिया- 1से 12 खंड एनसाक्लोपिडिया ऑफ एज्युकेशन हिस्टोरियन्स् हिस्ट्री ऑफ दि वर्ल्ड-1से 25 खंड, दिल्ली में रखी गई किताबें- बुद्ध धम्म, पालि साहित्य, मराठी साहित्य की 2000 किताबें और बाकी विषयों की 2305 किताबें थी, बाबा साहब जब अमेरिका से भारत लौट आए तब एक बोट दुर्घटना में उनकी 32 बक्से किताबें समंदर मे डूबा दी गई थी। (Dr. Ambedkar)

 

Rajesh Kumar Buddh,
राजेश कुमार बौद्ध

? सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

Dr. Ambedkar

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

? अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

3 साल के मासूम बच्चे के लिए भगवान बनकर आया ये CRPF का जवान, पूरी खबर पढ़कर दिल खुश हो जाएगा आपका | CG News


Back to top button