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बांकी मोंगरा सड़क जीर्णोद्धार की मांग को लेकर माकपा 11 जुलाई को अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों के नाम पर करेगी नामकरण | Newsforum

कोरबा | माकपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि खदानों का संचालन केवल मुनाफा कमाने के लिए किया जा रहा है, जबकि निगम की दिलचस्पी केवल टैक्स वसूली में है लेकिन, अधिकारियों के साथ कई बार वार्ता होने के बावजूद ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्र बांकी मोंगरा की जन समस्याओं को हल करने के लिए वे कतई गंभीर नहीं है।

बांकी मोंगरा के मुख्य सड़क मार्ग का जीर्णोद्धार करने की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एक बार फिर सड़क की लड़ाई पर उतर गई है। पार्टी ने 11 जुलाई को सड़क पर पड़े हुए गड्‌ढों का पूजन कर एसईसीएल के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के नाम से गड्‌ढों का नामकरण करने और 16 जुलाई को चक्का जाम आंदोलन करने की घोषणा की है।

 

उल्लेखनीय है कि बांकी मोंगरा मेन माइंस से मेन मार्केट तक चार किमी लंबी सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। यह सड़क ही मड़वाढ़ोढा, पुरैना, गंगानगर, बांकी बस्ती, रोहिना एवं अन्य गांवों को जोड़ती है। बरसात होने पर इस सड़क में पानी भर जाता है और धूप होने पर धूल उड़ती है। इससे आम जनता के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है और लोग काफी आक्रोशित है।

 

झा ने कहा कि इसी सड़क के लिए माकपा और यहां की जनता ने फरवरी में भी आंदोलन किया था, तब दिखावे के लिए एसईसीएल ने तुरंत सड़क जीर्णोद्धार के लिए एक टेंडर जारी किया था, लेकिन इसके बाद चुपचाप इसे निरस्त भी कर दिया है और पांच माह बाद भी यह काम आज तक शुरू नहीं हुआ है। अब सड़क की लड़ाई ही एकमात्र विकल्प है। माकपा नेता ने आम जनता के सभी तबकों और व्यापारी संघ से भी इस आंदोलन को सहयोग-समर्थन देने की अपील की है, ताकि इस क्षेत्र की उपेक्षा के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष किया जा सके।

 

इस संबंध में एक ज्ञापन माकपा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसईसीएल कोरबा महाप्रबंधक के नाम सुराकछार उप क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपा है। माकपा दल में जवाहर सिंह कंवर, रमेश अग्रवाल, विनोद साहू, सत्रुहन दास, लखपत दास, ज्योति भूषण यादव, दिलीप चौहान आदि कार्यकर्ता शामिल थे।


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