शाख से टूटने का दर्द…
©गायकवाड विलास
परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र
शाख से टूटने का दर्द कोई पत्ता क्या बताएं किसीको,
रिश्तों में जब पड़ जाएं दरारें तो पूछ लीजिए अपने दिल को।
सुख दूख बांटकर अपनों का रिश्ते दिल से निभाओ,
टहनियों से टूटे हुए फ़ूल भी आखिर मुरझाते है।
जहां गमों की महफिलें वहां दर्द ही सरगम बन जाते है,
प्यार की गहराई में भी,कभी कभी अनबन लौट आती है।
नफरतें लिए मन में जिंदगी में आती नहीं रौनकें-ए-बहार,
रिश्ते निभाओ प्रेम से,कब खत्म हो जायेगा ये सांसों का सफ़र।
घर सजाया हमने अपना,उसी दौलत से सबकुछ खरीदकर,
मगर वो घर की दीवारें भी गमगीन दिखी हमें अपनों के बगैर।
दिल के किसी भी कोने में,कभी नफ़रत न रखना,
रिश्तों के बिना टूटा हुआ वो इन्सान कभी तुम देखना।
प्रेम भरें रिश्तों में हरपल अपनेपन की महक आती है,
टूटकर मुरझाएं फुलों से कहां,चमन में खुशबू बिखेर जाती है।
शाख से टूटने का दर्द कोई पत्ता क्या बताएं किसीको,
रिश्तों की अहमियत कभी पूछो तुम किसी लावारिस को।
🔥 सोशल मीडिया
फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://www.facebook.com/onlinebulletindotin
व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld
ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.
🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।
ये खबर भी पढ़ें: