महराज छत्रपति शिवाजी | ऑनलाइन बुलेटिन
©राज कुमार खाती, मदहोश
एक शेर हिन्दुस्तान में जन्मा,
हिन्दुओं के लिए लड़ता गया।
स्वाभिमान बचाने को सबका,
हंसते हंसते बलिदान दिया ।।
हंसते हंसते……..
उन्नीस सौ तीस में जन्म लिया,
सोलह सौ अस्सी निर्वाण किया।
शाह- जीजा से था जन्म लिया,
छत्रपति शिवाजी नाम लिया ।।
छत्रपति शिवाजी……
जन्म से विलक्षण हो गए,
मां जीजा से संस्कार लिया।
राजनीतिज्ञ अद्भुत बना वो साम्राज्य मराठा बना लिया ।।
साम्राज्य मराठा……..
पारंगत हुआ समर युद्ध में,
युद्ध गौरिला भी सीख लिया।
औरंगजेब के नाक के नीचे,
छत्रपति शिवाजी नाम लिया।।
छत्रपति शिवाजी……
भारतीय स्वाधीनता का नायक,
जन जन ने उन्हें बना दिया ।
देश प्रेम से दिल भरा था,
तिलक से लोहा मनवा लिया।।
तिलक से लोहा…..
जावली हमला किया और,
चन्द्र राव बंदी बना लिया।
युद्ध किया और जीत लिया,
आठ वंश का धन पा लिया।।
आठ वंश का धन….
जरीरा में युद्ध किया और,
कोंकण पर हक़ जमा लिया।
चालीस दुर्गों पर कब्जा कर,
अधिकार उन पर बना लिया।।
अधिकार उन पर…..
अफजल खां आया मारने,
भारी सेना को लिए साथ।
धोके से चाहा मारने पर,
शिवा ने अफजल मार दिया।।
शिवा ने अफजल….
अफजल मार पन्हाला पवनगढ,
राज बंसत गढ़ पा लिया।
रूस्तम खां को भी हराकर,
दाबुल, राजपुर गढ़ पा लिया।।
दाबुल राजपुर गढ़….
डेढ़ लाख की सेना संग में,
शाइस्ता मराठे लूट रहा ।
बदले में फिर वीर शिवा ने,
मुगलों को ही लूट लिया ।।
मुगलों को ही…..
सत्ताईस वर्ष की अल्पायु में,
चाकन से नीरा तक जीत लिया।
कोलाबा से फिरंगी हटाने,
जन- जन को तैयार किया।।
जन जन को…….
पिता को अपने मुक्त कराने,
आदिलशाह को छोड़ दिया।
वर्ना उत्तर दक्षिण पश्चिम में,
वीर शिवाजी ने राज किया।।
वीर शिवाजी ने…..
सदियों भारत को याद रहेगा,
वीर शिवाजी का ये बलिदान।
देश की आजादी के लिए ही,
सारा जीवन झोंक दिया ।।
सारा जीवन ही…..