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परिवार के स्तम्भ है, वृद्धजन l ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा, जी.आज़ाद

परिचय- बारां(राजस्थान)


 

 

खुशकिस्मत है ,वह परिवार।

जिनमें मिलते हैं, वृद्धजन।।

मिलती है दुहा, सबको इनकी।

परिवार के स्तम्भ है, वृद्धजन।।

खुशकिस्मत है——————–।।

 

 

मिलते हैं बच्चों को, संस्कार।

परिवार में, इन वृद्धजनों से।।

माँ-बाप से ज्यादा, करते हैं प्यार।

परिवार में बच्चें, वृद्धजनों से।।

होती है समृद्धि, उस घर में।

होते हैं मुखिया, जिनमें वृद्धजन।।

खुशकिस्मत है——————-।।

 

 

रखते हैं अनुभव बहुत, ये वृद्धजन।

जिंदगी, दुनिया ,समाज और परिवार का।।

रखते हैं बनाये भाईचारा, समाज में।

देते हैं ज्ञान देश को,अमन- सदाचार का।।

तिरस्कार करें नहीं, इनकी बातों का।

सम्मान के हकदार हैं, वृद्धजन।।

खुशकिस्मत है——————–।।

 

 

जिसने पाई है , जीवन में वृद्धावस्था।

नसीब वाला है , वह तो इंसान।।

सबको मिले , यह वृद्धावस्था।

ईश्वर का है , यह एक वरदान।।

करो पूजा, इन वृद्धजनों की।

ईश्वर का रूप है, ये वृद्धजन।।

खुशकिस्मत है——————–।।

 

 


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