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समय | Newsforum

©नीरज यादव, चम्पारण, बिहार


 

समय का सम्मान करो,

वरना दु:ख भरे गीत गाते रहोगे।

समय से पहले अपना काम करो,

वरना तुम पछताते रहोगे।

समय केवल घड़ी को ही नहीं चलाता,

बल्कि हमको भी चलाता है।

टिक-टिक का आवाज़ करके वो शोर नहीं मचाता,

बल्कि हमें सतर्क कराता है

 

घड़ी तो अपने आप ख़राब हो जाते हैं।

लेकिन समय को हम ख़राब कर देते हैं।

घड़ी को तो हम सुधार देते हैं

लेकिन समय को सुधार नहीं पाते हैं।

 

 

 


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