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Vaastu Shaastra : वास्तु शास्त्र सबसे बड़ा अंधविश्वास…

©टिकेश कुमार, मनोवैज्ञानिक

परिचय- अध्यक्ष, एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाजेशन (एएसओ)

 

Vaastu Shaastra : Vastu Shastra is nothing but a superstition spreading scripture. Right now, in most of the web news and television, there are about three to four such news from morning to evening, in which Vastu Shastra is related, Vastu rules are told in it. In which direction should the bedroom be, which day is auspicious, in which direction to put the clock and which clock to put, what will be the colour. Which plant should not be planted at home and around you. In which direction should the door of the house be? In which direction the staircase should be made, what should be the direction of kitchen, direction of window, direction of sleeping. Many such Vastu rules are given, on one rule a news is seen everyday.

 

ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन: वास्तु शास्त्र एक अंधविश्वास फैलाने वाले शास्त्र के अलावा कुछ भी नहीं है। अभी अधिकतर वेब खबरों और टेलीविजन में सुबह से शाम तक लगभग तीन से चार ऐसी खबरें रहती हैं जिसमें वास्तु शास्त्र के होते हैं, उसमें वास्तु नियम के बारे में बताया रहता है। किस दिशा में बेडरूम हो, कौन सा दिन शुभ होता है, घड़ी किस दिशा में लगाए और कौन सी घड़ी लगाए, रंग क्या होगा। कौन सा पौधा घर और अपने आस-पास नहीं लगाना चाहिए। घर की द्वार किस दिशा में रहना चाहिए? सीढ़ी किस दिशा में बनानी चाहिए, किचन की दिशा, खिड़की की दिशा, सोने की दिशा कैसी होनी चाहिए। ऐसी बहुत से वास्तु नियम दिए रहते हैं एक नियम पर एक खबर रोज देखने को मिलती है।(Vaastu Shaastra)

 

वास्तु शास्त्र क्या है?

 

वास्तु शास्त्र हमेशा विवादों में रहा है। वास्तु शास्त्र बिना सिर पैर के एक अवैज्ञानिक शास्त्र है। लेकिन कुछ स्वार्थी लोग इसे शास्त्र कहकर लोगों को डराने का काम करते हैं। उनका मानना है कि वास्तु शास्त्र घर में रहने वालों के स्वास्थ्य और खुशी को बनाए रखने का शास्त्र है। इसमें भी वास्तुशास्त्री का एक मत नहीं है, अलग-अलग वास्तु शास्त्र की किताब में अलग-अलग बातें लिखी है, इससे यह सिद्ध होता है कि वास्तु शास्त्र पूरी तरह से अवैज्ञानिक है।(Vaastu Shaastra)

 

हर वास्तु नियम अंधविश्वास से परिपूर्ण

 

जैसे घर में टूटी हुई घड़ी नहीं रखना चाहिए, टूटा व क्रैक आईना घर में नहीं रखना। मेरे घर में एक बड़ा सा आईना है, जिसमें क्रैक है, उसे मैं बचपन से देखता आ रहा हूं, उसी से अपनी शक्ल हमेशा देखता आ रहा हूं और मेरे घर के सभी लोग उसी आईने से बाल बनाते हैं। आज तक कुछ नहीं हुआ। हां बाकी फ्रेश आईने की तुलना में इस पर कुछ धुंधला दिखता है, इसका कारण आईने का पुराना होना और फटे हुए क्रैक पर फॅवीकोल लगा है, इसलिए एकदम चमक नहीं दिखता। पुरानी घड़ी भी घर में सालों से लगा है, उसका भी आईने जैसा हाल है, उसका भी शीशा टूटा हुआ है। शीशा टूटे होने के बाद भी बहुत दिनों तक घड़ी चलती रही.. एक दिन बंद हो गया और उसमें मेरी छोटी सी तस्वीर लगी है, इसलिए मैं उसे वही पर रखना उचित समझा। और एक नई घड़ी लेकर दूसरी दीवार पर लगा दी।(Vaastu Shaastra)

 

वास्तु में दिनों को लेकर शुभ-अशुभ

 

वास्तु में दिनों को लेकर बहुत शुभ-अशुभ का खेल खेला जाता है। गुरुवार के दिन पोछा नहीं लगाना चाहिए। अगर ऐसा कोई करता है तो बृहस्पति ग्रह का प्रभाव पड़ता है और मनुष्य में नकारात्मक ऊर्जा उतपन्न होता है। गुरुवार के किसी को पैसा नहीं देना चाहिए, मंगलवार को बाल नहीं कटाना चाहिए। गुरुवार और मंगलवार को वास्तु में शुभ दिन माना जाता है। बहुत से घर और कार्यालय जो बहुत तरक्की कर रहे हैं गुरुवार की सुबह से ही सफाई, पोछा कर अपने कार्य में लग जाते हैं। गुरुवार के बहुत से पैसों के लेनदेन होते हैं, बड़ा-बड़ा व्यापार चलता है। मंगलवार के शुभ होता तो हर परीक्षा मंगलवार को होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता है। शनिवार है सोचकर परीक्षार्थी परीक्षा नहीं देगा तो कैसे पास होगा? कभी ऐसा सुना है मंगलवार को परीक्षा हुई थी, इसलिए अच्छे अंक मिला या बिना पढ़े पास हो गया।(Vaastu Shaastra)

 

वास्तुशास्त्र में न पड़े

 

व्यक्ति को अपनी सहूलियत के अनुसार कार्य करना चाहिए, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि खुद और आस-पास के लोगों को दिक्कत न हो। घर बनाते समय बहुत से लोग वास्तु के अनुसार दिशा देखकर बनाते हैं, जिससे बहुत से असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसीलिए अपने सुविधा के अनुसार घर, सीढ़ी, बेडरुम, किचन, दरवाजा और अपनी जरूरत की सामग्री को बजट और सुविधा के अनुसार लगाएं। अगर वास्तु दिशा के अनुसार घर बना लिए और उस घर में पर्याप्त मात्रा में हवा-धूप नहीं मिल रही और नाली का पानी निकल नहीं पा रहा तो उस घर में व्यक्ति बीमार पड़ेगा ही। इसी कारण अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए घर, भवन, दुकान का निमार्ण करें। वास्तु शास्त्र में न पड़े।(Vaastu Shaastra)

 

 

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