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ये कैसी दिवाली | Onlinebulletin

©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़  


 

कितना सुखद दिवाली का पर्व आया है! सबके घरों में दीये जल रहे हैं। लोग पटाखे जलाकर खुशियां मना रहे हैं, लेकिन मैं सोचती हूं कि पटाखे जलाने से क्या खुशी मिलती है? इसे जलाने से हमें क्या फायदा है? सिर्फ एक मनोरंजन होता है और साथ में प्रदूषण फैलता है।

 

कभी-कभी पटाखे जलाते-जलाते हाथ भी जल जाते हैं। इसके धमाके से घर की दीवार भी हिल जाती है और दरार पड़ जाती है। कभी-कभी तो इसकी आवाज़ से हमारे कान भी सुन्न हो जाते हैं। पटाखे खरीदने में पैसे भी बर्बाद होते हैं। क्यों न इसे किसी अच्छे कार्य में लगाएं।

 

हम अपने आसपास कई लोगों को देखते हैं, जिनके पास पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं है। खाने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं है। दिवाली मनाने के लिए दीये नहीं हैं। क्यों न हम इनके साथ दिवाली मनाएं! उन्हें भी खुशी मिलेगी और हमें भी। ज्यादा न सही पर थोड़ी खुशी तो दे ही सकते हैं।

 

दिवाली में सबके घर सजे-धजे और रोशनी से जगमगाते रहते हैं। सभी अपने घरों में लक्ष्मी की पूजा करते हैं। तरह-तरह की मिठाइयों का भोग लगाते हैं, किंतु यदि कोई निर्धन घर पर आ जाए, तो उसे दुत्कार देते हैं। उनके साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार भी नहीं करते।

ये कैसी दिवाली है? जिसमें लोग दिखावा करते हैं। ऊंचे-ऊंचे मकान से झालर झूल रहे हैं। फूलों से पूरे घर को सजाये हुए हैं, लेकिन मन को सजाना तो भूल गए। किसी के घर सोने के दीये जल रहे हैं, तो किसी के घर पर मिट्टी के दीये जलाना नसीब नहीं। ये कैसी दिवाली है? जो सिर्फ दिखावे की है, जहां एक दूसरे के प्रति दया, प्रेम व सहानुभूति की भावना नहीं है। लोग स्वार्थी बने पड़े हैं, जो सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं।

 

ये कैसी दिवाली है? जिसमें चारों तरफ से पटाखों की आवाज ऐसे गूंजती है, जैसे युद्ध हो रहे हों। दो सेनाएं आपस में लड़-भिड़े रही हो। दिवाली के बाद अगले दिन हम बुरी खबर भी सुनते हैं। किसी के हाथ जल गए, किसी का घर जल गया, किसी के कपड़े जल गए, तो किसी का दुकान, कोई धमाके से बुरी तरह घायल हो गया, तो किसी की फसल जल गई।

 

आखिर ये सब घटनाएँ हुई कैसे? असावधानी, उतावलेपन व ईर्ष्या के कारण ही तो ऐसा होता है! कोई जानबूझकर ये काम कर जाते हैं, तो किसी के साथ अनजाने में हो जाता है। यदि सावधानी रखें और अपने साथ-साथ दूसरों के हित के बारे में भी सोचें तो ऐसी घटनाएं होंगी नहीं और यहीं असली दिवाली होगी।

आप सभी को दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

सिर्फ अपने घर को रौशन न कीजिए बल्कि अपने साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी रौशन कीजिए। आप सभी को दिवाली की शुभकामनाएँ!!!


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