ऐ दोस्त….
©डॉ. वृंदा साखरकर, बहामास
परिचय:- गायनॉकॉलॉजिस्ट, अमरीका में रहते हैं.
मेरे खद्दर सी ज़िंदगी के तानों बानों मे
मख़मल का एक तार हो तुम ।
मेरे उदास मन के काले बादलोमें
रवीकिरण कि चमकार हो तुम।
हर तरफ़ के हो हल्ले और शोरमे
बाँसुरी कि पुकार हो तुम ।
फिके पड़े बेजान कैनवास पर
लहराती गुलाबी चटखार हो तुम ।
शुष्क निरस संवदनहीन पलोंमे
माँ का असीम दुलार हो तुम ।
न मैंने कभी कहा न कभी तुमने पुछा
पर मेरे अस्तित्व का दयार हो तुम।
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