भतुलिया | newsforum
©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़
घर के कोला-बारी म,
झोपरी ल बनावन।
जम्मो संगी-साथी ल,
खेले बर बलावन।
सित्तो के चुल्हा-चौका,
अऊ भात साग बनावन।
घर के जम्मो मनखे ल,
खाय बर बलावन।
जंहुंरिया संगी मन ल,
पहुना आय बर बलावन।
ऊंखर आव भगत बर,
रंग-रंग के पकवान बनावन।
खीर, पूरी, बरा, भजिया ल,
खेल-खेल म चुरोवन।
पापड़-पोंगडी अऊ सलाद घलो,
लगय सब ल लुभावन।
संग म बइठ के खेलन खावन,
मया के गोठ गोठियावन।
मया पिरित के ए खेल संगी,
जेला सब भतुलिया कहन।