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समय | Onlinebulletin

©इंदु रवि, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश


 

गजल

 

समय आता है यू हीं

चला जाता है ।

अच्छे समय के इंतजार में

नहीं बला जाता है ।

 

हर आवश्यक काम

कल पे टला जाता है ।

 

हमारा कल पे टालना

आज को गला जाता है ।

 

कल आता नहीं,

आज जाता नहीं,

गलत फहमी मन में

पला जाता है ।

 

किसको पता बातों को

तौलना जरूरी है,

छोटी सी बात दिल को जला जाता है ।

 

हर कदम फूंक के रखना

यहां पल भर में ही

लोग छला जाता है ।

 

इंदु” जहां में सभी से प्रेम से रहो

ना जाने कौन कब चला जाता है ।


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