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मुख्यमंत्री भूपेश से छत्तीसगढ़ डोमार समाज के जिलाध्यक्ष भरत कुण्डे व प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात, कहा- आज़ादी के बाद से छीना गया सामाजिक अधिकार | newsforum

रायपुर | छत्तीसगढ़ डोमार समाज का प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष भरत कुण्डे के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 11 फरवरी 2021 को सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान डोमार समाज के जिलाध्यक्ष श्री कुण्डे ने सामाजिक समस्याओं को बताया तथा आज़ादी के बाद से डोमार समाज का जो आजतक सामाजिक पिछड़ापन है, उस पर विस्तार से मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने सामाजिक भवन की आवश्यकता के लिए भूमि आवंटन की भी मांग की।

 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में डोमार समाज एक ऐसा समाज है जो आर्थिक समस्याओं से निरंतर जूझ रहा है। जबकि डोमार समाज के लोगों की जनसंख्या अकेले राजधानी रायपुर में लगभग 1 लाख के करीब है। उसके बाद भी समाज के पास अपना स्वयं का एक भी सामाजिक भवन नहीं है। जिसके कारण समाज की सामाजिक बैठक और अन्य सांस्कृतिक कार्य के लिए तथा समाज के बौद्धिक विकास, वाचनालय, शिक्षा एवं शारीरिक विकास के लिए खेलकूद तथा व्यायाम आदि के लिए न तो कोई साधन है और न ही स्थान है। जिसके कारण हमारा डोमार समाज अन्य दिगर समाजों की तुलना में बहुत ही पिछड़ा हुआ है। डोमार जाति छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जातियों की सूची में से एक है। डोमार जाति अनूसूची के अनुक्रम 23 वें बिन्दु पर उल्लेखित है।

 

छत्तीसगढ़ डोमार समाज के जिलाध्यक्ष भरत कुण्डे ने इस गंभीर समस्या पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान आकर्षित कराते हुए मांगों को रखा। जिस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यह समाज के लिए गहन चिंतन का विषय है और सामाजिक विशेष पैकेज बनाकर डोमार समाज के लिए 2 से 3 एकड़ ज़मीन तथा उस पर सर्व सुविधायुक्त सामाजिक भवन बनाकर दिए जाने का आश्वासन दिया।

 

मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान डोमार समाज के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से छतीसगढ़ डोमार समाज के वरिष्ठ समाजसेवी जय गोविन्द बेरिहा, वरिष्ठ समाजसेवी व प्रदेश प्रवक्ता नीलेश लंगोटे, रोहित बाघ, रितेश समुन्द्रे, कु.अंजू लंगोटे, सिकन्दर उसरबर्से सहित अन्य उपस्थित थे।


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