रब का रूप है पिता | Newsforum
©वंदिता शर्मा, शिक्षिका, मुंगेली, छत्तीसगढ़
परिचय– एमए, बीएड, सम्मान– कबाड़ से नवाचार में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रशस्ति-पत्र, राज्य स्तरीय अक्षय शिक्षा प्रबोधक सम्मान, गरीब बच्चों के लिए शिक्षकीय कार्य करने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित.
पिता एक उम्मीद है,
पिता एक आस है
पिता मेरा मान है
पिता परिवार की हिम्मत है,
पिता एक विश्वास है।
उनके दिल में होती है कई बातें अंतरमन
जिसे परिवार के खुशी के सामने इजहार नहीं करते
दिल की बात बात दिल में होती है दफन।
पिता ही जहान में सबसे
अमीर होते हैं,
कभी उनकी जेब खाली नहीं होती।
परेशानियों में भी लड़ने का हौसला रखते हैं बुलंद।
बचपन में भी हम
सभी को खुश रखने का खिलौना है वो हरदम।
पिता जमीर है जागीर है।
पिता से ही मां बच्चों की
पहचान है।
कहने को तो खुदा सबकुछ देता है।
खुदा का एक रुप है पिता,
रब धरती पे नहीं आ सकता
पर धरती पर भी
रब का रूप है पिता
पिता कहूं या यही लिखना थाम दूं।
इस नाम में इतनी ताकत है
किस किस को समझाऊं।