.

बेईमानी के चिरागों से…

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

 

बेईमानी के चिरागों से ये सारा ज़माना जगमगा उठा है,

और हम उसी में ही सच की रोशनी ढूंढने चलें है।

 

शब्दों पे कायम रहे ऐसा कोई वो चेहरा नहीं,

अब ये ज़माना तो गिरगिट को भी पीछे छोड़ आया है।

 

सुबह से शाम तक पल-पल झूठ के संग गुजरता है,

और वो ईमानदारी का परचम लहराते चलें है।

 

सोचा नहीं था हमने ये क्रांति इन्सानों का ज़मीर भी मिटायेगी,

ऐसी ज्ञान की रोशनी अब इस मानवता के लिए किस काम की है।

 

बेईमानी की महफिलों में सच्चाई पर भी कोई भरोसा करता नहीं,

फिर भी वो सच्चाई उजड़ते हुए चमन को जोड़ने चली है।

 

मत भूलो तुम इन्सानों के बगैर कोई भी वतन खुशहाल नहीं,

उजड़े हुए चमन में, रौनकें बहार कहां होती है।

 

जिओ और जीने दो सभी को वही हराभरा संसार है,

बगैर अपनों के अपना घर भी उजड़ा हुआ मंजर है।

 

बेईमानी के चिरागों से ये सारा ज़माना जगमगा उठा है,

सोचो जरा तुम अब वो इन्सानियत भरा दौर कहां खोया है।

 

Gaikwad-Vilas-Latur-Maharashtra
गायकवाड विलास

? सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

 

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

? अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रकाशित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.in को जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

‘ओपेनहाइमर’ के सपोर्ट में उतरें महाभारत के ‘श्रीकृष्ण’ नीतीश भारद्वाज, बोले- पहले मन की स्थिति को समझे फिर… | Nitish Bharadwaj On Oppenheimer

 


Back to top button